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J&K: खंगाली जा रही पाक-परस्त मुलाजिमों की कुंडलियां, 44 बर्खास्त, 50 निशाने पर

जम्मू। जम्मू-कश्मीर (Jammu- kashmir) में गहरी पैठ बना चुकी आतंकवाद व अलगाववाद (terrorism and separatism) की जड़ों में सरकार ने अनुच्छेद 370 हटने (abrogation of article 370) के बाद पिछले दो साल में एक और कील ठोकी है। ताजा मामले में जेकेएलएफ आतंकी बिट्टा कराटे (JKLF Terrorist Bitta Karate) की पत्नी और हिजबुल सरगना सैय्यद सलाहुद्दीन (Hizbul leader Syed Salahuddin) के बेटे समेत चार सरकारी कर्मचारियों की बर्खास्तगी को देश विरोधी गतिविधियां चलाने वालों के पारिस्थितिकी तंत्र पर चोट माना जा रहा है।


 

विभिन्न सरकारी विभागों में गहरी जड़ें जमा चुके पाकिस्तान परस्त इन सरकारी मुलाजिमों की सरकार कुंडली खंगाल रही है। जमात-ए-इस्लामी व आतंकी कनेक्शन की तलाश की जा रही है। अब तक आतंकी कनेक्शन में 44 सरकारी मुलाजिमों को बर्खास्त किया जा चुका है। अभी 50 से अधिक निशाने पर हैं, जिनका पूरा ब्योरा जुटाया जा रहा है।

विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक दागी छवि वाले ज्यादा मुलाजिम शिक्षा विभाग और पुलिस में हैं। शिक्षा विभाग में कई शिक्षक से लेकर कर्मचारी तक विभिन्न आतंकी संगठनों, अलगाववादियों और जमात-ए-इस्लामी के समर्थक हैं। ऐसे ही तत्वों के मददगारों की पुलिस विभाग में भी कमी नहीं है। राजस्व और ग्रामीण विकास विभाग भी इससे अछूता नहीं है।

सूत्रों ने बताया कि सरकार की ओर से सभी विभागों में ऐसे दागदार छवि वाले कर्मचारियों का पूरा ब्योरा खंगाला जा रहा है। इसमें नियुक्ति से लेकर उसकी पूरी गतिविधियों की जानकारी जुटाई जा रही है। इस छानबीन में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इसमें पता चला है कि छात्राओं तक को कट्टर बनाते हुए उन्हें पत्थरबाजी के लिए उकसाया जाता था। देश विरोधी पाठ पढ़ाए जाते रहे हैं।

हिजबुल आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कॉलेजों की छात्राओं को सड़क पर उतारकर पथराव करने के लिए उकसाने के पीछे भी कुछ शिक्षकों की भूमिका पाई गई है। यह भी पता चला है कि कई कर्मचारी जमात के कैडर के रूप में काम कर रहे थे। 2019 में जमात पर प्रतिबंध के कुछ महीनों तक इनकी गतिविधियां ठप रहीं, लेकिन दोबारा चोरी छिपे तरीके से यह सिलसिला शुरू हुआ है।

सूत्रों ने बताया कि सरकारी अमला सभी विभागों के कर्मचारियों की स्कैनिंग कर रहा है। इसमें विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जानकारी पुख्ता होने के बाद उनकी बर्खास्तगी की कार्रवाई की जा रही है। बताते हैं कि जांच में अभी लगभग 50 और कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है, जिनके बारे में सभी प्रकार की जानकारी जुटाई जा रही है। इसमें उसकी नियुक्ति से लेकर उसकी संपत्ति, उसके कनेक्शन आदि खंगाले जा रहे हैं।

पिछले साल शुरू हुई थी बर्खास्तगी की कार्रवाई
देश और राज्य विरोधी गतिविधियों में लिप्त सरकारी कर्मचारियों की बर्खास्तगी का सिलसिला अप्रैल 2021 में शुरू हुआ था। तब से 44 कर्मचारियों पर गाज गिर चुकी है। इसमें गिलानी के बेटे, सलाहुद्दीन के बेटों समेत दागी डीएसपी दविंदर सिंह शामिल हैं। पिछले साल प्रदेश प्रशासन ने एक समिति का गठन किया था जो सरकारी कर्मचारियों के राज्य और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की छानबीन करती है। इसके अलावा कर्मचारियों के इसमें शामिल होने पर बर्खास्तगी की संस्तुति करती है।

बंदूक थामने वालों से ज्यादा गुनहगार समर्थन करने वाले
बंदूक थामने वालों से ज्यादा गुनहगार इनका समर्थन करने वाले हैं। वे ज्यादा गुनहगार हैं जो इन्हें ऐसा करने के लिए उकसाते हैं और उन्हें प्रश्रय देते हैं। आतंकवाद का पूरा एक पारिस्थितिकी तंत्र है। आतंकवाद के साथ-साथ इस पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने की दिशा में सरकार काम कर रही है। जल्द ही इस दिशा में सार्थक सफलता मिलेगी।
– मनोज सिन्हा, उप राज्यपाल

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