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हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी गिरफ्तारी मामले में कर्नाटक पुलिस ने जांच तेज की


बेंगलुरु । कर्नाटक पुलिस (Karnataka Police) की खुफिया एजेंसियों और विशेष विंग (Intelligence Agencies and Special Wings) ने हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी (HM Terrorist) तालिब हुसैन (Talib Husain) की गिरफ्तारी मामले (Arrest Case) की जांच तेज कर दी है (Intensifies Probe) । पुलिस सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।


सूत्रों का कहना है कि कश्मीर घाटी में हिंदुओं की हत्या की योजना बनाने वाले और भारत के राज्य को चुनौती देने वाली विघटनकारी गतिविधियों में शामिल मोस्ट वांटेड आतंकवादी की गतिविधियों को ट्रैक करने में सक्षम नहीं होने के कारण खुफिया और जांच एजेंसियां एक्शन मोड में आ गई हैं। तीन साल अपने परिवार के साथ यहां रहने वाला तालिब हुसैन बाद में ओकलीपुरम मस्जिद में शरण लेने चला गया। उसे आखिरकार 3 जून को कर्नाटक पुलिस विभाग के साथ सशस्त्र बलों, जम्मू-कश्मीर की पुलिस के एक संयुक्त अभियान में गिरफ्तार कर लिया गया।

यहां तक कि जब वह आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का एक प्रमुख व्यक्ति था, तालिब बेंगलुरू में भेष में रहा, आंतरिक सुरक्षा डिवीजन (आईएसडी), खुफिया विंग, आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीसी) को शहर में उसकी उपस्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। अधिकारियों ने अब अपनी जांच तेज कर दी है और सर्विस प्रोवाइडर से उसके फोन कॉल का विवरण मांगा है।

आईएसडी और एटीसी के अधिकारी हुसैन के संपर्क में आए लोगों के ब्योरे की पुष्टि कर रहे हैं। वे उन जगहों पर भी पूछताछ कर रहे हैं, जहां तालिब हुसैन ने काम किया था, जहां वह रुका था और मस्जिद जहां उसे कोविड महामारी के बाद आश्रय मिला था। अधिकारी उन लोगों की पहचान करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ भी समन्वय कर रहे हैं, जिन्होंने हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी की मदद की थी।

जम्मू-कश्मीर की नागासेनी तहसील के किश्तवाड़ जिले के रहने वाले तालिब हुसैन 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुए थे। वह एक जनजाति से हैं और उनकी 2 पत्नियां और 5 बच्चे हैं। तालिब ने कथित तौर पर युवाओं का ब्रेनवॉश किया और कश्मीर घाटी में हिंदुओं को मारने के लिए उनका इस्तेमाल किया। वह बम धमाकों की कई घटनाओं में भी शामिल है। जब सशस्त्र बलों ने उसकी तलाश तेज की, तो वह बेंगलुरु भाग गया।

वह अपनी एक पत्नी और बच्चों के साथ बेंगलुरु आया था। वह एक ऑटो चलाता था और एक सामान्य व्यक्ति की तरह जीवन व्यतीत करता था। उसकी गिरफ्तारी के बाद पड़ोसी यह जानकर हैरान रह गए कि वह आतंकवादी है। उसकी गिरफ्तारी को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि तालिब हुसैन बिना खुफिया एजेंसियों के राडार में आए बिना 3 साल यहां कैसे रह गए। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरने वाली कक्षाओं में हिजाब पर प्रतिबंध के बाद से अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं। वे शहर की सुरक्षा को लेकर कोई जोखिम नहीं उठा सकते।

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