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डीएनए परीक्षण के बाद अपहृत बच्चे को कर्नाटक में माता-पिता को सौंप दिया जाएगा


बेंगलुरु। बेंगलुरू (Bengaluru) की एक महिला मनोचिकित्सक (Female psychiatrist) से जुड़े सनसनीखेज बच्चा चोरी के मामले में एक डीएनए (DNA) रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि इस संबंध में शिकायत दर्ज कराने वाले दंपति (Couple) ही वास्तविक तौर पर बच्चे के जैविक माता-पिता (Biological parents) हैं।


मामले की जांच कर रही बसवनगुडी पुलिस बच्चे को मूल माता-पिता को सौंपने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रही है। बच्चा फिलहाल कोप्पल के एक दंपति के साथ है।आरोपी डॉक्टर रश्मि शशि कुमार (34) ने कोप्पल दंपति से 14.5 लाख रुपये लेने के बाद उनसे झूठा वादा किया था कि उन्हें उनके बच्चे को जन्म देने के लिए एक सरोगेट मां मिल गई है। उसने उन्हें यह भी बताया था कि डिलीवरी मई 2020 के महीने में होगी।आरोपी ने 29 मई, 2020 को सरकारी बीबीएमपी अस्पताल से नवजात को चुरा लिया।

माता-पिता द्वारा बसवनगुडी पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज की गई थी और आरोपी मनोचिकित्सक को ट्रैक किया गया था और इस साल 31 मई को गिरफ्तार किया गया था।
अदालत से सहमति प्राप्त करने के बाद, शिकायतकर्ता और बच्चे के साथ कोप्पल दंपति दोनों का डीएनए परीक्षण किया गया।
पुलिस ने इन घटनाक्रमों के बारे में कोप्पल दंपति को सूचित कर दिया है और बच्चे को कानून के अनुसार मूल माता-पिता को सौंप दिया जाएगा।

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