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उज्जैन में कुमार विश्वास ने RSS को बताया अनपढ़, मचा बवाल

उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन (Ujjain) में कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) द्वारा राम कथा के दौरान वामपंथियों और अनपढ़ों (leftists and illiterates) पर की गई टिप्पणी का बीजेपी विरोध कर रही है. दरअसल, कुमार विश्वास ने कथा के दौरान आरएसएस (RSS) को अनपढ़ और वामपंथियों को कुपढ़ कह दिया. उन्होंने यह बात बजट पर टिप्पणी करते हुए कही. कुमार विश्वास की इसी बात को लेकर बीजेपी ने विरोध प्रदर्शन किया और कार्यक्रम के पोस्टर फाड़ दिए.

उज्जैन नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष सोनू गहलोत ने कहा कि कुमार विश्वास को इस टिप्पणी के लिए माफी मांगनी होगी. यदि माफी नहीं मांगी तो यहां आगे के कार्यक्रम को रोक दिया जाएगा. दरअसल, उज्जैन में विक्रमोत्सव कार्यक्रम के तहत 21 से 23 फरवरी तक रामकथा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कुमार विश्वास रामकथा सुना रहे हैं.

पूर्व निगम अध्यक्ष सोनू गहलोत ने कहा कि कुमार विश्वास ने 100 साल पहले बने संगठन पर अनर्गल टिप्पणी की है. हम इसका घोर विरोध करते हैं और चेतावनी देते हैं कि यदि इस बात को लेकर माफी नहीं मांगी तो आज और कल होने वाला कार्यक्रम रोक देंगे. पूरे हिंदू समाज में इस बात को लेकर गहरा आक्रोश है.


सोनू गहलोत ने कहा कि 100 साल से देश को बनाने में संगठन काम कर रहा है, जिसके हजारों कार्यकर्ताओं ने अपना पूरा जीवन देश के लिए दिया है, उस संगठन के बारे में यदि कोई टिप्पणी की है तो यह बर्दाश्त के बाहर है. सोनू गहलोत ने कहा कि संगठन के एक स्वयंसेवक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में विश्व में भारत का मान बढ़ा रहे हैं. उज्जैन की बात करें तो राजाभाऊ महाकाल संघ के स्वयंसेवक गोवा में जाकर अपने प्राणों की आहुति देते हैं. कई स्वयंसेवकों ने इस मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना जीवन दान किया है, उनके बारे में यदि कुमार विश्वास कोई टिप्पणी करते हैं तो हम इसकी निंदा करते हैं.

सोनू ने कहा कि कुमार विश्वास 2015 से पहले राम का नाम भी नहीं लेते थे. व्यावसायिक मानसिकता अपनाकर कुमार विश्वास ने भगवान राम पर बोलना शुरू किया है. भगवान राम के बारे में बोलें, रामकथा का वाचन करें, यह अच्छी बात है, लेकिन उसकी आड़ में सांस्कृतिक संगठन के बारे में अनर्गल टिप्पणी करते हैं तो पूरा हिंदू समाज उसे बर्दाश्त नहीं करेगा.

कल शिप्रा के तट पर उज्जैनी में खराब स्वास्थ्य के बावजूद महाकाल की कृपा से मैं रामकथा और उसकी प्रासंगिकता पर बोल सका. कथा प्रसंग में मेरे कार्यालय में काम करने वाले एक बालक के विषय में मैंने एक टिप्पणी की, जो संयोग से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में काम करता है, पढ़ता लिखता कम है, बोलता ज्यादा है. मैंने उससे कहा कि तुम पढ़ा करो. तुम पढ़ते नहीं हो. वामपंथी कुपढ़ हैं और तुम अनपढ़ हो. सिर्फ इतनी सी बात मैंने कही, और इसे कुछ लोगों ने ज्यादा फैला दिया. मैंने उस बच्चे से बोला जो आयु में बहुत छोटा बच्चा है.

कुमार ने आगे कहा कि आज मुझे पता चला कि कुछ लोगों ने कहा कि हम इस कथा को भंग करेंगे तो भाई आप याद रखिएगा कि राम की कथा कौन भंग करते हैं. कथा में मैं जो बोल रहा हूं, यदि आप उसे किसी नए अर्थ में समझेंगे तो उसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं. यदि आपकी सामान्य बुद्धि में यह प्रसंग किसी और तरीके से चला गया है तो उसके लिए मुझे माफ करें. दो ढाई घंटे में जो उत्सवधर्मी हो, जो अच्छा हो, जो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की कथा से नवनीत निकल सके, उसे लेने की कोशिश करें.

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