इंदौर की 160 महिलाओं ने की पहल, उधर तीन हजार महिलाएं मांग रहीं हक
इन्दौर। एलपीजी (LPG) (रसोई गैस) सब्सिडी की तरह अब मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना (Chief Minister Ladli Behna Yojana) में भी स्वेच्छा से लाभ नहीं लेने की पहल इंदौर की 160 महिलाओं ने की है। योजना के पोर्टल (Portel) पर लाभ नहीं लेने (लाभ परित्याग) का भी विकल्प है। दूसरी ओर हजारों महिलाएं योजना में अपना नाम जोडऩे की गुहार लगा रही हैं। [relpsot]
इंदौर सहित विभिन्न जिलों में पात्र महिलाएं, जिन्हें लाड़ली बहना योजना की राशि मिल रही है या अब तक डीबीटी यानि डायरेक्ट बैंक बेनेफिशियरी ट्रांसफर से उन्हें लाभ नहीं मिला है, वे लाभ परित्याग के लिए सामने आ रही हैं। इंदौर में ऐसी महिलाओं की संख्या 160 तक पहुंच गई है, वहीं लगभग 3000 से अधिक महिलाएं योजना से जुडऩे के लिए सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से संपर्क कर रही हैं।
तीन किश्त लीं, फिर छोड़ा हक
योजना का लाभ लेने वाली महिलाओं में दो तरह की महिलाएं शामिल हैं। पहली वे जो तीन किश्त ले चुकी हैं और आगे नहीं लेना चाहतीं हैं। दूसरी वे जिन्होंने नियम में नहीं होने के बाद भी योजना में पंजीयन करा लिया और डीबीटी नहीं कराया। ज्ञात हो कि मप्र में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को इस महीने से 1250 रुपए दिए जा रहे हैं। पहले यह लाभ 23 से 60 साल की विवाहित महिलाओं को दिया जा रहा था, अब 21 से 60 साल की सीमा कर दी गई है। 23 से 60 साल की उम्र सीमा में चार पहिया वाहन नहीं होने की शर्त में भी छूट दे दी गई है, जिसके बाद इंदौर में लाड़ली बहनों की संख्या 4 लाख 50 हजार के पार पहुंच गई है।
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं ने लाभ नहीं लेने (परित्याग) की भी पहल की है। इंदौर में ऐसी 160 महिलाएं आगे आई हैं। लाड़ली बहना के पोर्टल पर लाभ परित्याग का विकल्प जोड़ा गया है।
-रामनिवास बुधौलिया जिला कार्यक्रम अधिकारी, इंदौर