इंदौर न्यूज़ (Indore News)

15 फीसदी महंगी हुई शराब, देर रात तक दुकानों-गोदामों का स्टॉक करवाया चेक

  • इंदौर जिले के ठेके में मात्र 24 करोड़ ही आरक्षित मूल्य से कम मिले, गत वर्ष से 173 करोड़ ज्यादा कमा लिए

इंदौर। कल 1 अप्रैल से शराब दुकानों के नए ठेके हो गए हैं, जिसके चलते आबकारी विभाग ने देर रात तक सभी दुकानों-गोदामों में बचे स्टॉक को चेक करवाया और उसकी जानकारी पोर्टल पर अपलोड भी करवाई। दूसरी तरफ 15 फीसदी शराब की कीमतें बढ़ गईं, क्योंकि ठेकेदारों को इस बार अधिक राशि चुकाकर ठेके लेना पड़े। इंदौर में 13.7 प्रतिशत ठेके की राशि गत वर्ष की तुलना में बढ़ गई। हालांकि आरक्षित मूल्य 1509 करोड़ की तुलना में सिर्फ 24 करोड़ ही कम मिले, तो गत वर्ष से 173 करोड़ ज्यादा कमा लिए। इस नए वित्त वर्ष में आबकारी विभाग को इंदौर जिले की 175 देसी-विदेशी शराब दुकानों से 1485 करोड़ का राजस्व मिलेगा।

इस बार भी आबकारी विभाग को बची हुई महंगी दुकानों को बेचने में पसीने छूट गए। कई मर्तबा टेंडर बुलाना पड़े। दरअसल नई आबकारी नीति में यह प्रावधान किया गया कि जो ठेकेदार 15 प्रतिशत अधिक दर पर आगामी वित्त वर्ष के लिए ठेका लेना चाहेगा, उसे अनुमति दी जाएगी। लिहाजा इंदौर जिले की 175 दुकानों को 64 समूहों में बांटकर नीलाम करने की प्रक्रिया गत माह शुरू की गई और आरक्षित मूल्य 15 फीसदी बढक़र 1509 करोड़ रुपए हो गया, क्योंकि गत वर्ष 1312 करोड़ रुपए विभाग को हासिल हुए थे। शुरुआत में ही 43 समूहों में शामिल 119 दुकानों के लिए 1035 करोड़ से अधिक के प्रस्ताव आबकारी विभाग को मिल गए।


यानी ये दुकानें 15 फीसदी बढ़ाकर हासिल कर ली गई। मगर शेष 54 दुकानें, जो कि 21 समूहों में शामिल थी, उन्हें फिर लॉटरी और टेंडर के जरिए नीलाम करना पड़ा। नतीजतन दो-तीन बार ई-टेंडर की प्रक्रिया भी करनी पड़ी, क्योंकि योजना क्र. 54, भमोरी, एमओजी लाइन, जीपीओ, राजमोहल्ला, पलसीकर, पलासिया, जवाहर मार्ग, पीपल्यापाला, मांगलिया सहित चोरल, खुड़ैल, मानपुर की दुकानें महंगी होने के कारण बच गईं और इन पर 15 फीसदी या उससे अधिक राशि कोई भी ठेकेदार चुकाने को तैयार नहीं हुआ। लिहाजा इनके प्रस्ताव आबकारी मुख्यालय को भेजे गए, जहां से अनुमति मिलने पर सभी 64 समूहों की दुकानें अंतत: नीलाम हो गई और गत वर्ष की तुलना में 13.7 प्रतिशत अधिक राजस्व विभाग को हासिल हुआ। दूसरी तरफ ठेकेदारों ने चूंकि अधिक राशि चुकाकर ठेके लिए तो 15 से 20 फीसदी शराब की कीमतों में भी बढ़ोतरी कर दी। हालांकि हर साल ही यह बढ़ोतरी होती है, क्योंकि लाइसेंस फीस 15 से 20 फीसदी बढ़ ही जाती है। सहायक आबकारी आयुक्त मनीष खरे ने बताया कि 1485 करोड़ की आय इस वर्ष में विभाग को होगी।

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