उज्जैन । ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी (Historical and Religious City) उज्जैन में (In Ujjain) शारदीय नवरात्रि की अष्टमी पर (On Ashtami of Sharadiya Navratri) महामाया और महालया देवी को (To Mahamaya and Mahalaya Devi) शराब का भोग लगाया गया (Liquor was Offered) । परंपरा के मुताबिक, यह रस्म अदायगी कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने पूरी की। विक्रमादित्य के काल से चली आ रही परंपरा के मुताबिक सुख, शांति और समृद्धि के लिए श्री चौखंबा माता मंदिर में शराब की धार अर्पित की जाती है।
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने विधि विधान से पूजन किया और शराब का भोग लगाने के बाद हाथ में शराब से भरी हांडी थामी और उसे लेकर कुछ दूर तक चले। उसके बाद यह हांडी कोटवार को थमा दी गई। यह यात्रा लगभग 27 किलोमीटर लंबी होती है और पूरे रास्ते में शराब की धार गिराई जाती है। इस 27 किलोमीटर की परिधि में अनेक मंदिर स्थित हैं। इस रास्ते में भूखी देवी, हरसिद्धि देवी, चौखंबा माता सहित 26 देवियों के मंदिर स्थित हैं जहां से होकर यह यात्रा गुजरती है।
इस यात्रा के नगर भ्रमण के दौरान विभिन्न मंदिरों में अलग-अलग तरह से पूजा अर्चना की जाती है। कहा जाता है कि यह परंपरा विक्रमादित्य के काल में शुरू हुई थी और महा अष्टमी पर देवी को शराब का भोग लगाने से तमाम विपत्तियां व्याधियों से मुक्ति मिलती है। यही कारण है कि यह परंपरा अब भी जारी है।
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