भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

औद्योगिक क्षेत्र की तीन फैक्ट्रियों के चटके ताले लाखों का माल पार

भोपाल। गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र की तीन फैक्ट्रियों पर चोरों ने धावा बोला। वे यहां से संबरशील मशीन व एसी समेत करीब 6 लाख रुपए का सामान लेकर चंपत हुए हैं। चोरी की तीनों ही वारदातों के बारे में कल पता चला कि जबकि फैक्ट्रियां वर्तमान में बंद पड़ी हैं। पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ चोरी का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अशोका गार्डन पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में मीनाल रेसीडंसी निवासी अमित गर्ग की फैक्ट्री क्रिस्टल आयरन मटेरियल, राजसम्राट कॉलोनी निवासी निवासी शिवदासन पिल्लई की फैक्ट्री जीईआई इंडस्ट्रीज तथा राजवैद्य कॉलोनी कोलार रोड निवासी नीलेश मीना की फैक्ट्री मर्सडीज लैड इंस्ट्रीज के नाम से है। तीनों ही फैक्ट्रियों के गेट के ताले कल टूटे पाए गए। इन फैक्ट्रियों से स बरशीबल मोटर के 11 नगर, ब्लू स्टार कंपनी के 4 एसी तथा एल्युमीनियम पाइप के 11 नग चोरी गए हैं। पुलिस ने मानी की मोटरों की कीमत 3 लाख, एसपी की कीमत 2 लाख तथा एल्युुमीनियम पाईप की की कीमत 35 हजार रुपए बताई है। थाना प्रभारी आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में बड़ी सं या में फैक्ट्रियां बंद पड़ी हैं। डिफाल्टर होने के बाद बैंकों ने उन्हें सील कर दिया है। बैंक की ओर से नियमित तौर पर निगरानी नहीं की जाती है। वहीं फैक्ट्री के मालिक भी इन पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। अधिकांश फैक्ट्रियों में कोई गार्ड भी नहीं होता। बदमाशों की नजर हमेशा ही इन कारखानों पर होती है। उन्हें जैसे ही मौका मिलता है वे चोरी की वारदात को अंजाम दे देते हैं। जिन तीन फैक्ट्रियों में चोरी की वारदात हुई है उनमें से एक में 15 अगस्त तथा दूसरी में 18 अगस्त के बाद से कोई भी नहीं आया था। आसपास की चालू हालत वाली फैक्ट्रियों के सुरक्षाकर्मी ही बंद पड़ी फैक्ट्रियों में चोरी की वारदात की सूचना देते हैं।

Share:

Next Post

स्वीडन और बेंगलुरु हिंसा की समानता को समझिए

Fri Sep 4 , 2020
– आर.के. सिन्हा संसार के सबसे सुखी देशों में स्वीडन की गिनती होती है। शांतिप्रिय लोग, अपराध शून्य के बराबर और सामूहिक उल्लास व जश्न मनाने के रिवाज के कारण न्यूनतम ईर्ष्या, द्वेष और आपसी हिंसा। करीब एक दशक पहले स्कैंडिनेवियायी देशों जैसे स्वीडन, फिनलैंड, डेनमार्क में इस्लाम की उपस्थिति नाममात्र की थी, पर सीरियाई […]