नई दिल्ली (New Delhi) । देश का उत्तर पूर्वी राज्य बीते कई दिनों से हिंसा (Violence) की आग से झुलस रहा था. आलम ऐसा था कि सरकार (Government) को हिंसा ग्रस्त इलाकों में शूट एट साइट के आर्डर देने पड़े थे. इस हिंसा का एक नुकसान यह हुआ कि राज्य में जरूरी चीजों की आपूर्ती को लाने वाले ट्रक राज्य की सीमा से पहले ही रुक गए, और उन्होंने जान-माल की सुरक्षा का हवाला देते हुए जाने से इंकार कर दिया.
राज्य में ट्रांसपोटर्स की एंट्री बैन होने के बाद वहां पर जरूरी चीजों का अकाल सा पड़ गया. ऐसे में भारतीय सेना और असम राइफल्स ने उनको पूरी सुरक्षा का वादा दिया और उनसे राज्य के अंदर में उनकी कड़ी सुरक्षा में जाने का अनुरोध किया. सेना के सुरक्षा की गांरटी के बाद प्राइवेट ट्रांसपोटर्स ऑर्मी एस्कॉट में आज राजधानी इंफाल पहुंच गए. जिससे कई दिनों से दूध, पेट्रोल, दाल-चावल और अन्य चीजों की आपूर्ति की किल्लत झेल रहे लोगों को कुछ राहत पहुंची है.
बयान जारी कर क्या बोली सेना?
इस सिलसिले में भारतीय सेना ने एक बयान जारी कर कहा, 15 मई को रसद से भरे 28 ट्रकों का काफिला सीआरपीएफ, मणिपुर पुलिस और असम राइफल्स (Manipur Police and Assam Rifles) के संरक्षण में नोनी से इंफाल पहुंचा तो वहीं 16-17 मई को लगभग 100 वाहनों का काफिला सेना के संरक्षण में इंफाल (Imphal) पहुंचा. सेना ने कहा, सुरक्षा बल सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और NH-37 पर जल्द ही वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित करेंगे.
आपको बता दें कि मणिपुर में सेना को स्थिति नियंत्रण के लिए विवेक और परिस्थिति के आधार पर समुचित निर्णय लेने के खुले आदेश दिए गए हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved