इंदौर। सरकारी विभागों (government departments) में भ्रष्टाचार (corruption) किस तरह बढ़ रहा है इसका प्रमाण है लोकायुक्त (Lokayukta) द्वारा इस साल अब तक की गई कार्रवाई। लोकायुक्त (Lokayukta) ने इस साल अब तक 36 भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की है, जबकि पिछले साल 24 लोग ही पकड़ में आए थे।
लोकायुक्त (Lokayukta) के सूत्रों के अनुसार गत वर्ष तीन माह तक लॉकडाउन (lockdown) होने से शिकायतें भी नाममात्र की आई थीं। इसके चलते गत वर्ष कार्रवाई भी कम हुई थी, लेकिन अनलॉक होते ही शिकायतें भी बढ़ीं और पुलिस ने कार्रवाई भी तेजी से की। 11 माह में पुलिस ने 36 भ्रष्ट अफसरों (corrupt officials) पर कार्रवाई की है। इनमें आय से अधिक संपत्ति, पद का दुरुपयोग और ट्रैप के मामले हैं। सबसे अधिक मामले ट्रैप के हैं। इसके अलावा पद का दुरुपयोग के मामले दस से अधिक हैं। छह से अधिक छापे की कार्रवाई कर लोकायुक्त (Lokayukta) पुलिस ने कई बड़े अफसरों की करोड़ों की संपत्ति का पता लगाया है। पिछले सप्ताह तो लोकायुक्त (Lokayukta) ने तीन दिन में चार भ्रष्ट अफसरों को ट्रैप किया है। इस बार हुई कार्रवाई में महिलाओं की संख्या भी बढ़ी है। बताते हैं कि आठ से अधिक महिलाएं भी ट्रैप हुई हैं।
ईओडब्ल्यू ने भी एक छापा मारा और एक ट्रैप किया
यूं तो ईओडब्ल्यू (EOW) छापे की कार्रवाई कम करता है, लेकिन इस बार नगर निगम (Municipal Corporation) के एक कर्मचारी के यहां छापा मारा गया और उसकी आय से अधिक संपत्ति का खुलासा किया गया। इसके अलावा ईओडब्ल्यू ने इस साल पहली बार एक ट्रैप की कार्रवाई भी की है। यही नहीं, ईओडब्ल्यू उज्जैन (EOW Ujjain) ने भी इंदौर (Indore) में रहने वाले तीन से चार अधिकारियों के यहां छापे की कार्रवाई कर उनकी करोड़ों की संपत्ति का खुलासा किया है।