इंदौर न्यूज़ (Indore News)

लाखों खर्च कर 10 रैन बसेरे बनाए, फिर भी बुजुर्गों को जबरन शिप्रा भेजा


अब जागे अधिकारियों ने सुबह रेनबसेरे के स्टाफ को बुलाकर वहां ठहरने वालों की जानकारी ली
इन्दौर। कल शिवाजी वाटिका क्षेत्र से कई बुजुर्गों को निगम की गाडिय़ों में पशुओं के समान भरकर शिप्रा भेजे जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। आज निगम के अधिकारी कहीं रैन बसेरों का निरीक्षण करने पहुंचे तो वहां के स्टाफ को निगम परिसर में बुलाकर तमाम जानकारी ली गई। अब घटना के बाद जागे अधिकारियों ने फुटपाथ पर रहने वाले लोगों को रैन बसेरों में ठहराने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि फिर से ऐसा कोई मामला न हो।
कल नगर निगम के कर्मचारियों ने पीली गाड़ी में भरकर कई बुजुर्गों को शिवाजी वाटिका से सुबह-सुबह गाड़ी में जबरन बैठाया और लेकर शिप्रा चले गए, जहां सडक़ किनारे उन्हें छोड़ा जा रहा था तो कई लोगों ने मामला देखकर वीडियो बनाए। निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने उपायुक्त प्रतापसिंह सोलंकी सहित दो कर्मचारियों पर मामले में कार्रवाई की। दो कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं, जबकि सोलंकी को निलंबित कर दिया गया। शहर में फुटपाथों और सडक़ किनारे गुजर-बसर करने वालों के लिए निगम ने लाखों रुपए खर्च कर रैन बसेरे बनाए, लेकिन वहां व्यवस्थाएं अब खस्ताहाल हो चुकी हंै और गरीबों के लिए जुटाए गए संसाधन भी खस्ताहाल पड़े हैं। सभी रैन बसेरों ने रह रहे लोगों की जानकारी पता करने के लिए आज निगम अधिकारियों ने दोपहर में रैन बसेरे के स्टाफ को बुलाया है और साथ ही तमाम जानकारी भी मंगवाई है। कुछ रैन बसेरों का निगम के अधिकारियों ने निरीक्षण भी किया और उसके साथ-साथ वहां तमाम कमियां सुधारने के निर्देश दिए थे।


पहले अफसर खुद निकलते थे और सडक़ पर सोए लोगों को रैन बसेरे भिजवाते थे
दो-तीन वर्ष पहले तक नगर निगम शहर के बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, फुटपाथ और गांधी हॉल से लेकर कृष्णपुरा छत्री के आसपास अस्थायी डेरा जमाकर रहने वाले लोगों को ठंड के दिनों में रैन बसेरे तक पहुंचाने का काम खुद मौके पर जाकर करते थे। इस दौरान प्रशासन के अधिकारी भी उनके साथ होते थे और साथ-साथ रैन बसेरों में गरीबों की सुविधा के लिए पलंग, बिस्तर, कंबल और बाद में टीवी की भी व्यवस्था की गई थी, जबकि इस बार निगम की टीमों को निर्देश देकर क्रूरता के साथ बुजुर्गों को शिवाजी वाटिका से हटवाने का मामला निगम अधिकारियों के गले की हड््डी बन गया है।


प्रशासक और आयुक्त ने भी बताया दु:खद
एक तरफ नगर निगम ने चार बार शहर को स्वच्छ बनाकर देश में इंदौर का माथा ऊंचा किया, तो दूसरी तरफ निगम के एक अधिकारी और दो कर्मचारियों की लापरवाही से शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा। निगम के प्रशासक और आयुक्त ने भी इस घटना को दु:खद बताया।

निगम प्रशासक और संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा का कहना है कि कल जैसे ही यह घटना उनके संज्ञान में आई उन्होंने तुरंत ही आयुक्त को जांच कर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। चंद मिनटों में ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके चलते मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी दो ट्वीट किए और निगम के दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश, जिसके चलते रैन बसेरा के प्रभारी उपायुक्त प्रतापसिंह सोलंकी और दो मस्टर कर्मचारियों ब्रजेश लश्करी और विश्वास वाजपेयी को बर्खास्त कर दिया गया। प्रशासक डॉ. शर्मा का कहना है कि इस तरह की घटना दोबारा ना हो इसके कड़े निर्देश भी दिए गए हैं। वहीं निगमायुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल ने भी इस घटना को दु:खद बताया और कहा कि इतनी तो समझ अधिकारी और कर्मचारी में होना चाहिए कि सावधानीपूर्वक शिफ्टिंग करवाई जाती। आयुक्त के मुताबिक इस मामले की अलग से भी उनके द्वारा जांच की जा रही है।

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