इंदौर न्यूज़ (Indore News)

100 स्टूडेंट्स को मुफ्त में पढ़ाकर सॉफ्टवेयर आईटी इंजीनियर बना दिया

वन्डरफुल… गजब… बीए, बीकॉम वाले गरीब तबके के जो दस हजार की जॉब के काबिल नहीं थे, उन्हें लाखों का पैकेज मिल रहा

इंदौर, प्रदीप मिश्रा। पारिवारिक आर्थिक तंगी के चलते उनमें बीए, बीकॉम, बीबीए, बीसीए से आगे बढक़र आईटी या सॉफ्वेयर सम्बन्धित इंजीनियरिंग कोर्स करने या पढऩे के लिए सोचने तक की कभी हिम्मत ही नहीं थी,मगर कहते हैं ना जहां चाह वहां राह…उनके ऐसे हालात में इंफोबीन्स फाउंडेशन संस्था ने उनको मुफ्त में पढ़ाकर न सिर्फ आईटी और सॉफ्टवेयर से जुड़े जॉब के काबिल बना दिया, बल्कि उनमें इतनी ऊर्जा और हिम्मत भर दी कि उन्हें अपने कॅरियर और जिंदगी की उड़ान के लिए आसमान छोटा पडऩे लगा है।


इंदौर की इंफोबीन्स फाउंडेशन संस्था ने आर्थिक तौर पर कमजोर 113 स्टूडेंन्ट्स को अपने यहां आईटी इंजीनियरिंग और सॉफ्वेयर से सम्बंधित प्रोफेशनल कोर्स की स्टडी के साथ सालभर की ट्रेनिंग दी। इसका रिजल्ट यह रहा कि इनमें से 106 स्टूडेन्ट्स को देश की कई नामचीन आईटी कम्पनियों में न सिर्फ हाथोहाथ जॉब मिल गया, बल्कि इनमें से कुछ अपनी आईटी कम्पनी खोलने की तैयारी में लगे हैं। इसमें सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि इन 113 स्टूडेन्ट्स में कई ऐसे हैं, जिनकी पढ़़ाई के विषय कामर्स या आर्ट हैं। मतलब इनका साइंस अथवा इंजीनियरिंग वाले विषयों से कोई सम्बन्ध नहीं था। यकीनन यह किसी चमत्कार से कम नहीं है कि नॉन-टेक्निकल या नॉन-इंजीनियरिंग सब्जेक्ट वाले स्टूडेन्ट्स को सिर्फ 1 साल की इम्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्सीलेंस प्रोग्राम की स्टडी और प्रोफेशनल ट्रेनिंग के जरिए कामयाब आईटी एक्सपर्ट बना दिया। इनसे इंफोबीन्स फाउंडेशन ने 1 रुपया भी नहीं लिया, मगर आज यही स्टूडेन्ट्स हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे सहित इंदौर की आईटी कम्पनियों में 3 लाख से लेकर 18 लाख रुपए के पैकेज पर जॉब कर रहे हैं।

तीन आईटी इंजीनियरों की पहल

यह सब कुछ सम्भव हो रहा है इंदौर के तीन आईटी इंजीनियर युवाओं की सार्थक और सकारात्मक पहल से। इन तीनों युवाओं ने एसजीएसआईटीएस कॉलेज से आईटी इंजीनियरिंग की। इसके बाद इन युवाओ ने इंफोबीन्स आईटी कम्पनी शुरू की। आज यह कम्पनी देश-विदेश में मल्टीनेशनल आईटी कम्पनी के तौर पर पहचान बना चुकी है, बल्कि इंफोबीन्स फाउंडेशन संस्था बनाकर आर्थिक तौर पर कमजोर तबके के स्टूडेन्ट्स को आईटी वल्र्ड में उड़ान के लिए तैयार कर रही है। इन तीनों युवाओं से जब अग्निबाण ने बात की तो उन्होंने सारी जानकारी तो दी, मगर तीनों के नाम प्रकाशित करने से मना कर दिया। इसका सारा श्रेय उन्होंने अपने सीनियर प्रांजल दुबे को दिया जो सम्बलपुर के कॉलेज में गरीब तबके के स्टूडेन्ट्स को तैयार करते हैं।

इंफोबीन्स फाउंडेशन के यह कामयाब स्टूडेंन्ट्स

इंफोबीन्स फाउंडेशन संस्था शहर के जवाहर मार्ग पर माधव वस्तिका धर्मशाला में साल 2016 से संचालित है। अब यह एसजीएसआईटीएस कॉलेज और एआईएमपी की बिल्डिंग पोलोग्राउंड में चल रही है। इंफोबीन्स फाउंडेशन में स्टडी कर देश की नामचीन कम्पनियों में जॉब करने वालों में तनवीर पटेल, वैष्णवी यादव, चेतना राठौर, प्रज्ञा साहू, प्रियांशु पाठक, अमन शर्मा ने बताया कि हम ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि हमारे हालात के चलते हम कभी आईटी और सॉफ्टवेयर सम्बन्धित जॉब करते हुए इतने ऊंचे मुकाम पर पहुंच पाएंगे। हमें अपने पैरों पर खड़ा करने, अपने सपने सच करने के काबिल इंफोबीन्स फाउंडेशन परिवार ने बनाया है।

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