उज्जैन। शहर के मराठा और महाराष्ट्रीयन परिवारों में महालक्ष्मी का आगमन हो चुका है। बुधवार प्रात: से ही रसोई महक रही है, चूंकि महालक्ष्मी अपने मायके आई है, अत: उनको विशेष 56 भोग करवाया गया । 56 भोग का नैवेद्य तैयार करने के लिए परिवार की महिलाएं दोपहर तक रसोई में जुटी रही।
श्रीमती संजीवनी भवाळकर ने बताया कि गणेश चतुर्थी के बाद आने वाली सप्तमी को महालक्ष्मी का अपने मायके में आगमन होता है। नवमी को विसर्जन हो जाता है। ढाई दिन तक महालक्ष्मी अपने मायके में रहती है। उन्होंने बताया कि गणेशजी की दो बहनें मानी जाती हैं ज्येष्ठा एवं कनिष्ठा। ये दोनों महालक्ष्मी स्वरूप में पूजी जाती है। मंगलवार को इनका मायके में आगमन हुआ। बुधवार उनको 56 भोग नैवेद्य लगाया गया। गुरूवार दोपहर को बिदाई दी जाएगी। 56 भोग में विशेष रूप से पूरण पोळी का पकवान बनाया जाता है। नवमी को बिदाई के पूर्व महालक्ष्मी को साधा भोजन करवाया जाएगा। भोजन में खीर,दाल-चावल,रोटी और हरी सब्जी होगी। इसके बाद आरती होकर बिदाई दी जाएगी।
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