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दोपहर में सभी खुली सार्वजनिक सभाओं और रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया महाराष्ट्र सरकार ने


मुंबई । महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने एक बड़े फैसले में (In A Big Decision) दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे के बीच (Between 12 noon to 5 pm) सभी खुली सार्वजनिक सभाओं और रैलियों पर (On All Open Public Meetings and Rallies) प्रतिबंध लगा दिया (Banned) । महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री मंगल प्रभा लोढ़ा ने बुधवार को यहां कहा कि यह कदम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस कार्यक्रम के बाद उठाया गया है, जिसमें गर्मी से बड़ी संख्या में लोग बीमार हो गए थे और अप्पासाहेब के नाम से विख्यात समाज सुधारक दत्तात्रेय नारायण धर्माधिकारी के 14 अनुयायी, जिन्हें श्रीसदास्य कहा जाता है, की मौत हो गई थी। कार्यक्रम का आयोजन अप्पासाहेब को ‘महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार’ 2022 प्रदान करने के लिए किया गया था और इसमें उनके 20 लाख अनुयायी शामिल हुए थे।


शिवसेना (उद्धव गुट) के किशोर तिवारी ने दो दिन पहले केंद्र और राज्य सरकार से इस तरह के सभी बड़े आयोजनों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाने की मांग की थी, ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो। (आईएएनएस की 17 अप्रैल की रिपोर्ट)। लोढ़ा ने कहा कि यह फैसला नवी मुंबई में हुई दुर्भाग्यपूर्ण आपदा और भविष्य में इसी तरह की त्रासदियों से बचने के लिए लिया गया है। यह रेखांकित करते हुए कि राज्य सरकार ने 25 लाख रुपये के महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार के लिए 13 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, तिवारी ने शिंदे-फडणवीस से प्रत्येक मृतक के परिजनों को कम से कम एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने को कहा, जो बेहद गरीब परिवारों से थे।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने बुधवार को कहा कि सोशल मीडिया के नए फोटो/वीडियो को देखते हुए सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या पुरस्कार स्थल पर भगदड़ से मौतें हुई हैं। पटोले ने सख्ती से कहा, सच्चाई क्या है और सरकार क्या दबा रही है? मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दोनों को इस्तीफा देना चाहिए। मैं राज्यपाल रमेश बैस से इस शासन को बर्खास्त करने की अपील कर रहा हूं।

इससे पहले मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार ने त्रासदी की एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच और कमियों के लिए दोषी पाए गए सभी लोगों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की थी। अन्य राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेता अतुल लोंढे, क्लाइस क्रैस्टो, डॉ. रघुनाथ कुचिक, ट्रेड यूनियन्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी के राज्य संयोजक विश्वास उतगी, एनजीओ और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस त्रासदी के लिए राज्य सरकार की आलोचना की है।

त्रासदी पर संवेदना व्यक्त करते हुए अमित  शाह ने कहा था, कल आयोजित महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह में भाग लेने के दौरान लू के कारण जान गंवाने वाले ‘श्रीसदास्य’ के निधन से मेरा दिल भारी है। मैं उन लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं, जिनका इलाज चल रहा है।

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