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महाराष्ट्र की आर्थिक सर्वे रिपोर्ट जारी, विकास दर 12.1 प्रतिशत रहने का अनुमान

मुंबई। महाराष्ट्र विधानमंडल (Maharashtra Legislature) के दोनों सदनों में गुरुवार को राज्य की आर्थिक सर्वे रिपोर्ट (economic survey report) जारी की गई। रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र की आर्थिक विकास दर (economic growth rate) 31 मार्च को समाप्त हो रहे आर्थिक वर्ष 2021-22 में 12.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है और इस काल अवधि में देश की विकास दर 8.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। आर्थिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार देश की जीडीपी में महाराष्ट्र का योगदान 14.2 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।

वित्तीय वर्ष 2021-22 के पूर्वानुमान के अनुसार राज्य की प्रति व्यक्ति आय 2 लाख 25 हजार 073 रहने की उम्मीद है। वर्ष 2019-20 के दूसरे सुधारित अंदाज के अनुसार यह 1.96 लाख रुपये और 2020-21 के पहले सुधारित अंदाज के अनुसार 1.93 लाख रुपये रहा। वर्ष 2011-12 के स्थिर मूल्य के आधार पर महाराष्ट्र में प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 93 हजार 121 रुपये रही, जबकि भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश की 65,338 रुपये और मध्य प्रदेश की 1.04 लाख रुपये थी।


वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए चयनित राज्यों की प्रति व्यक्ति आय में महाराष्ट्र पांचवें स्थान पर है। पहले स्थान पर हरियाणा, दूसरे पर कर्नाटक, तीसरे पर तेलंगाना और चौथे स्थान पर तमिलनाडु है जबकि मध्य प्रदेश छठवें और उत्तर प्रदेश सातवें पायदान पर है।

वैश्विक स्तर पर सकल उत्पादन और देशांतर्गत उत्पादकता वृद्धि के मामले में विश्व की 5.5 प्रतिशत, यूएसए की 5.5 प्रतिशत, जापान 2.2 प्रतिशत, चीन 7.8 प्रतिशत, भारत की 9 प्रतिशत और महाराष्ट्र की सकल उत्पादन वृद्धि दर 12.1 प्रतिशत रहने का पूर्वानुमान है। महाराष्ट्र की आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में कृषि व संलग्न कार्य क्षेत्र में 4.4 प्रतिशत, उद्योग में 11.9 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 13.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया गया है। इसी प्रकार पशु संवर्धन में 6.9 प्रतिशत, वनीकरण में 7.2 प्रतिशत और मत्स्य व्यवसाय में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है।

वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजटीय अनुमान के अनुसार इस साल 3,68,987 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान था, जबकि सुधारित अंदाज के अनुसार 79,489 करोड़ रुपये कम यानी 2,89,498 करोड़ रुपये ही राजस्व मिलने की संभावना है। अप्रैल-नवंबर 2021 के दौरान बजटीय अनुमान का सिर्फ 49 प्रतिशत यानी 1,80,954 करोड़ रुपये ही राजस्व जमा हुआ है। राजस्व खर्च 3,79,213 करोड़ रुपये का अनुमान था, जबकि सुधारित अंदाज के अनुसार 3,35,675 करोड़ रुपये ही खर्च होने की संभावना है। (एजेंसी, हि.स.)

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