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खड़गे ने दिखाए सख्त तेवर, इन दो राज्यों के प्रभारी बदले

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Kharge) फुल फॉर्म में हैं। संचालन समिति की बैठक (steering committee meeting) में महासचिव (General Secretary) और प्रदेश प्रभारियों (State Incharges) को चेतावनी भरे अंदाज में सख्त हिदायत देने के बाद उन्होंने पार्टी को नए तेवर देने शुरू कर दिए हैं। एआईसीसी में पहले बदलाव में उन्होंने पार्टी शासित राजस्थान (Rajasthan) और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) दोनों प्रदेशों के प्रभारी बदल दिए हैं।

राजस्थान और छत्तीसगढ़ दोनों प्रदेशों में आपसी गुटबाजी चरम पर है। राजस्थान में दो-दो प्रभारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वरिष्ठ नेता सचिन पायलट के झगड़े को हल करने की कोशिश में कांग्रेस अब तक दो प्रभारी बदल चुके हैं। पहले अविनाश पांडेय को पायलट खेमे की शिकायत के बाद हटाया गया।


खड़गे को पत्र लिखकर राजस्थान की जिम्मेदारी से मुक्त करने का आग्रह
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में गहलोत के करीबी विधायकों की बगावत के बाद अजय माकन ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर राजस्थान की जिम्मेदारी से मुक्त करने का आग्रह किया था। वहीं, छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव के बीच घमासान किसी से छुपा नहीं है।

नए प्रभारी नियुक्त कर गुटबाजी को खत्म करने का जिम्मा सौंपा
ऐसे में खड़गे ने दोनों राज्यों में नए प्रभारी नियुक्त कर गुटबाजी को खत्म करने का जिम्मा सौंपा है। पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को राजस्थान और हरियाणा की वरिष्ठ दलित नेता कुमारी शैलजा को प्रभारी बनाकर अगले साल होने वाल विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत का जिम्मा सौंपा है।

जवाबदेही तय करने की शुरुआत
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इन प्रदेशों के प्रभारी बदलकर जवाबदेही तय करने की शुरुआत कर दी है। खड़गे ने संचालन समिति की बैठक में कहा था कि जो लोग अपनी जिम्मेदारी निभाने में असक्षम हैं, उन्हें नए लोगों को मौका देना चाहिए। संगठन में ऊपर से नीचे तक जवाबदेही हो।

नए लोगों को मिल सकता है मौका
पार्टी कई दूसरे प्रदेशों में भी आपसी कलह से जूझ रही है। वहीं, कई महासचिव अपने प्रभार वाले प्रदेशों में पूरा वक्त नहीं दे रहे हैं। ऐसे में कुछ और प्रदेशों के प्रभारी बदले जा सकते हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, संगठन में नए लोगों को मौका मिल सकता है। ताकि, उदयपुर संकल्प में किए वादे को पूरा किया जा सके।

कई प्रदेश संगठन में बदलाव
पार्टी ने उदयपुर नवसंकल्प में संगठन में 50 फीसदी पद 50 वर्ष से कम आयु के नेता और कार्यकर्ताओं को देने का फैसला किया है। पार्टी अध्यक्ष के तौर पर खड़गे ने कई प्रदेश संगठन में बदलाव किया है। इन बदलाव में नए लोगों को मौका दिया गया है। कई अन्य प्रदेशों में जल्द बदलाव होने की उम्मीद है।

सभी को साथ लेकर चलने का संकेत दिए
बिहार में अखिलेश प्रसाद सिंह को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभी को साथ लेकर चलने का संकेत दिए हैं। वहीं, खड़गे यह संदेश देने में भी सफल रहे कि कांग्रेस परंपरागत वोट का भरोसा जीतना चाहती है। प्रदेश में भूमिहार भाजपा ने नाराज हैं और वह विकल्प तलाश रहे हैं।

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