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ममता सरकार का नया फरमान, अब इन राज्यों में नहीं बिकेगा बंगाल का आलू

December 05, 2024

नई दिल्ली: ममता सरकार (Mamata government) के तुगलकी फरमान के कारण बिहार और झारखंड के लोग अब खाने-पीने की चीजों की किल्लत का सामना कर रहे हैं. आलू और प्याज अब लोगों के थाली से गायब हो रहे हैं. पश्चिम बंगाल सीमा से सटे सीमांचल के किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया में आलू-प्याज के व्यापारियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. झारखंड में आलू की आपूर्ति न होने के कारण आलू महंगे दामों पर बिक रहे हैं. इस बीच झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच आलू को लेकर अंतरराज्यीय व्यापार में विवाद की स्थिति बन गई है.

गौरतलब है कि बंगाल सरकार ने आलू और प्याज को बिहार ले जाने पर रोक लगा दी है. बिहार-बंगाल सीमा के रामपुर चेक पोस्ट पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, ताकि बंगाल से आलू बिहार न लाया जा सके. इस फैसले के बाद बॉर्डर इलाके में व्यापारियों के बीच हड़कंप मच गया है. आलू की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है.

बंगाल सरकार के आदेश पर आलू लदी गाड़ियों को बॉर्डर पार नहीं करने दिया जा रहा है. बंगाल पुलिस का साफ कहना है कि आलू और प्याज सिर्फ बंगाल में ही बिकेगा. इसे बाहर किसी अन्य राज्य में भेजा नहीं जाएगा. ममता सरकार ने राज्य में आलू और प्याज की किल्लत को देखते हुए यह कदम उठाया है. वहीं, बिहार-झारखंड के कई ऐसे इलाके हैं, जो बंगाल बॉर्डर के सीमावर्ती जिले हैं. यहां के लोग मुख्य रूप से बंगाल के बाजारों पर निर्भर रहते हैं. इस फैसले के कारण लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं.


किशनगंज सीमा से सटे बंगाल के रामपुर में आलू-प्याज की मंडी है, जहां से किशनगंज जिले में आलू-प्याज की आपूर्ति होती है. 90 के दशक में आलू व्यापारियों ने बिहार-बंगाल सीमा पर दुकानें खोलकर कारोबार शुरू किया था, तब से यह व्यापार फल-फूल रहा था. रामपुर आलू मंडी से ही किशनगंज जिले के लगभग 20 लाख नागरिकों तक आलू-प्याज पहुंचता है, लेकिन ताजा आदेश के बाद व्यापारी परेशान हो गए हैं. आलू मंडी में प्याज और आलू से लदी दर्जनों छोटी और बड़ी गाड़ियां खड़ी हैं, जिन्हें जिले के विभिन्न हिस्सों में भेजा जाना था, लेकिन पुलिस ने इन गाड़ियों को बॉर्डर पार नहीं करने दिया.

आलू व्यापारियों ने बताया कि पुलिस प्रशासन ने बुधवार सुबह से ही बेरिकेट्स लगाकर गाड़ियों को वापस भेजना शुरू कर दिया था. अगर यही स्थिति रही तो किशनगंज में आलू और प्याज की भारी किल्लत हो जाएगी. उन्होंने कहा कि आलू और प्याज जल्दी खराब होने वाली सामग्री हैं. यदि इन्हें सही समय पर नहीं बेचा गया तो व्यापारियों को भारी नुकसान होगा.

इसी बीच, दूर-दराज से आए खरीददार भी परेशान हैं. ग्राहकों ने बताया कि अगर आलू-प्याज को बॉर्डर पार नहीं करने दिया गया तो कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी होगी, जिसका खामियाजा जिले वासियों को उठाना पड़ेगा. स्थानीय वार्ड पार्षद प्रतिनिधि शफी अहमद ने कहा कि यह ममता सरकार का तुगलकी फरमान है. केंद्र सरकार और राज्य सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए आलू और प्याज की आपूर्ति पर लगी रोक को तुरंत हटवाना चाहिए.

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