कोलकाता। बंगाल में लॉक डाउन पर राजनीति हावी है। कोरोना के आरंभिक दिनों में केंद्र सरकार के लॉक डाउन पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सवाल उठाये थे और बंगाल में मुख्यमंत्री द्वारा घोषित लॉक डाउन पर भाजपा सवाल कर रही है। मुख्यमंत्री पर लॉक डाउन की घोषणा में तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगा रही है।
भाजपा ने पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अयोध्या में राम जन्म भूमि पूजन समारोह के दिन बंगाल में लॉक डाउन की घोषणा और एक अगस्त को बकरीद को लॉक डाउन से अलग रखने पर भी सवाल किया है।
भाजपा के महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ममता जी का रूख हमेशा अल्पसंख्यकों के पक्ष वाला रहा है। उन्हें यह तो ध्यान है कि बकरीद को लॉक डाउन नहीं होना है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में 550 साल पुरानी समस्या राम मंदिर समस्या का निराकरण हो रहा है। राममंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन होगा। जिस राम मंदिर के आंदोलन में हजारों लोगों के प्राण गंवाए। इनमें कोलकाता के भी दो नौवजान थे, लेकिन ममता जी ने इसे नजरदांज कर दिया। उन्होंने कहा कि इस देश के बहुसंख्यक समाज की श्रद्धा, आस्था व विश्वास की चिंता नहीं करते हुए सिर्फ और सिर्फ तुष्टिकरण की नीति के कारण ही अल्पसंख्यक लोगों की भावना की चिंता करना ममता सरकार की खुली नीति है। इस कारण जनता में आक्रोश है।
उन्होंने कहा यदि ममता जी ने बकरीद लॉक डाउन की छुट्टी दी है, तो पांच अगस्त को विश्व की प्रमुख घटनाओं में एक घटना राम मंदिर का शिलान्यास है। यदि आधे दिन की भी छुट्टी दे देती, लोगों को लगता कि हम हिंदुस्तान में रह रहे हैं। मैं ममता जी की इस तुष्टिकरण की नीति की निंदा करता हूं। (एजेन्सी, हि.स.)
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