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केन्‍द्र सरकार के खिलाफ ममता के साथ आए बीजेपी विधायक, पश्चिम बंगाल की मांगों का किया समर्थन

कोलकाता (Kolkata) । पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamta Banerjee) और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi government) के बीच तकरार नई बात नहीं है। अब ममता ब्रिगेड ने राज्य सरकार को कई कल्याणकारी योजनाओं के तहत फंड भुगतान (fund payment) नहीं करने को लेकर केंद्र की भाजपा नीत सरकार के खिलाफ हल्ला बोला है। राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को पूरे पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन किया। इस दौरान पार्टी नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र ने राज्य के भाजपा नेताओं की सलाह पर फंड रोक दिया है।

कोलकाता के चेतला इलाके में विरोध प्रदर्शन कर रहे राज्य मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने कहा, “हम राज्य को आर्थिक रूप से वंचित करने के केंद्र सरकार की साजिश के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक यहां धरने पर बैठे हैं। केंद्र राज्य का 1,17,000 करोड़ रुपये का बकाया जारी नहीं कर रहा है। हम चाहते हैं कि केंद्र राजनीति करना बंद करे और राज्य का बकाया भुगतान जल्द करे। हम मणिपुर और हरियाणा में हुई हिंसा के खिलाफ भी अपना विरोध दर्ज कराते हैं।”

इस बीच, गंगारामपुर से बीजेपी विधायक सत्येन्द्र नाथ रे न सिर्फ दक्षिण दिनाजपुर जिले में टीएमसी के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए बल्कि उन्होंने मांग का समर्थन भी किया। रे ने कहा, “मैं यहां मांग का समर्थन करने आया हूं क्योंकि मेरा मानना है कि राज्य को उसका बकाया मिलना चाहिए। राज्य सरकार और केंद्र को मिल बैठकर मामले को सुलझाना चाहिए। यह चुनी हुई सरकारों की जिम्मेदारी है।”


हालांकि, धरना स्थल पर संक्षिप्त भाषण देने के बाद बीजेपी विधायक कार्यक्रम स्थल से चले गए। टीएमसी ने भाजपा विधायक केइस कदम का स्वागत किया है। फिरहाद हकीम ने कहा, “हम इसका स्वागत करते हैं। उन्हें समझ आ गया है कि हम जो कह रहे हैं वो सच है। आने वाले दिनों में ऐसे और भी नेता हमारे साथ जुड़ेंगे।”

दूसरी तरफ, भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने पार्टी विधायक के कृत्य को मनमर्जी करार दिया है। हालांकि कहा है कि यह सच है कि हम भी चाहते हैं कि राज्य सरकार को लटके फंड का भुगतान जल्द हो। उन्होंने कहा कि हम इसके ख़िलाफ नहीं हैं लेकिन आगे भुगतान पाने के लिए टीएमसी को केंद्र को खर्च का ब्योरा देना होगा।

बता दें कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी ने कई मौकों पर गरीबों के लिए 100 दिन की कार्य योजना के लिए फंड जारी नहीं करने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी ने शुरुआत में अपनी मांग को लेकर राज्य में भाजपा नेताओं के घरों का घेराव करने की योजना बनाई थी लेकिन विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी की याचिका पर हाई कोर्ट ने उस पर रोक लगा दी थी। इसके बाद पार्टी ने कार्यक्रम और विरोध की तारीख बदलते हुए रविवार को पूरे राज्य में धरना-प्रदर्शन दिया।

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