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ममता सरकार के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को पद मुक्त किया, राशन घोटाले में जेल में हैं बंद

नई दिल्‍ली (New Dehli)। पश्चिम बंगाल सरकार ने करोड़ों रुपये के राशन घोटाले (ration scam)में जेल में बंद ज्योतिप्रिय मलिक को शुक्रवार (Jyotipriya Malik on Friday)को वन मंत्री के पद से हटा (removed from the post of minister)दिया है। यह विभाग बिरबाहा हांसदा को आवंटित कर दिया गया। हांसदा वन एवं स्वयं सहायता-स्वरोजगार समूह (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री हैं। एक अधिकारी ने बताया कि यह फैसला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सलाह के मुताबिक लिया गया है। जबकि, राजभवन के एक सूत्र ने बताया कि राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने संविधान के अनुच्छेद 166(3) के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग किया और मलिक को तत्काल प्रभाव से मंत्री के रूप में उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया।

आपको बका दें कि पिछले साल अक्तूबर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने घोटाले के सिलसिले में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत मलिक को गिरफ्तार किया था।

20 जनवरी को ईडी ने कोलकाता की एक अदालत को बताया कि यह घोटाला करीब 20,000 करोड़ रुपये का है। इस घोटाले में पीडीएस प्रणाली के लिए सब्सिडी वाले खाद्यान्न को बिक्री के लिए खुले बाजार में भेज दिया गया था। जब 2011 में टीएमसी पहली बार सत्ता में आई थी और मल्लिक मंत्री थे तभी यह घोटाला हुआ था।


टीएमसी नेताओं ने कहा कि सिंचाई और जलमार्ग मंत्री पार्थ भौमिक को औद्योगिक पुनर्निर्माण विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वहीं, उप वन मंत्री बीरबाहा हांसदा अब से कैबिनेट मंत्री के रूप में वन विभाग संभालेंगे। टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फैसला लिया और राज्यपाल सीवी आनंद बोस के साथ इस मामले पर चर्चा की।”

केंद्रीय एजेंसियों की जांच के बाद सरकार से हटाए जाने वाले मल्लिक दूसरे वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री हैं। ईडी ने नौकरी के बदले रिश्वत घोटाले में जुलाई 2022 में पूर्व शिक्षा पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया था। सितंबर 2022 में दायर अपनी पहली चार्जशीट में ईडी ने कहा कि उसने दोनों से जुड़ी 103.10 करोड़ रुपये की नकदी, आभूषण और अचल संपत्ति का पता लगाया है।

मुख्यमंत्री ने पार्थ चटर्जी को सरकार से हटा दिया और उनकी गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद उन्हें टीएमसी से भी निलंबित कर दिया। चटर्जी और मुखर्जी को जमानत नहीं मिली है।

पीडीएस घोटाले में ईडी ने पिछले साल 12 दिसंबर को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपना पहला आरोपपत्र दायर किया था। मल्लिक, चावल मिल मालिक और होटल व्यवसायी बाकिबुर रहमान और 10 शेल कंपनियों को इसमें आरोपी बनाया गया था। 17 जनवरी को कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और पश्चिम बंगाल पुलिस को उत्तरी 24 परगना जिले के संदेशखली के टीएमसी के दिग्गज नेता शेख शाहजहां का पता लगाने का आदेश दिया। उसने कथित तौर पर 5 जनवरी को ईडी अधिकारियों पर छापे के दौरान हमले की साजिश रची थी।

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