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Mangla Gauri Vrat 2023: साल 2023 में कब और कितने होंगे मंगला गौरी व्रत? देखें यह रही पूरी लिस्‍ट

नई दिल्ली (New Delhi)। शिव पूजा (Shiva Puja) के लिए जैसे सावन का हर सोमवार बहुत मायने रखता है वैसे ही मां पार्वती की आराधना के लिए सावन का हर मंगलवार महत्वपूर्ण माना गया है. सावन का मंगलवार (Tuesday) मां मंगला गौरी (Mangla Gauri Vrat) की पूजा के लिए समर्पित हैं. श्रावण महीने के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत किया जाता है.सुहागिने पति और संतान की लंबी आयु के लिए ये व्रत करती है लेकिन अगर पति और पत्नी दोनों एक साथ व्रत शंकर-पार्वती की पूजा करें तो वैवाहिक जीवन में प्रेम और सुख-शांति बनी रहती है. इस साल सावन 4 जुलाई 2023 से शुरू होगा और इसकी समाप्ति 31 अगस्त को होगी. आइए जानते हैं इस बार मंगला गौरी व्रत कब-कब है, देवी पार्वती की पूजा का मुहूर्त और कैसे करें ये व्रत.

मंगला गौरी व्रत 2023 डेट (Mangla Gauri Vrat 2023 Date)
सावन के हर मंगलवार को मां मंगला गौरी की उपासना करने वालों को सौभाग्य की प्राप्ति होती है. विवाहित स्त्रियों (married women) के लिए ये व्रत बहुत खास होता है. इस बार अधिक मास होने से सावन 60 दिन यानी 2 महीने का होगा. पंचांग के अनुसार अधिक मास में भी मंगला गौरी व्रत आएंगे.

सावन के मंगला गौरी व्रत 2023 (Sawan Mangla Gauri Vrat 2023)
पहला मंगला गौरी व्रत 2023 – 4 जुलाई 2023
दूसरा मंगला गौरी व्रत 2023 – 11 जुलाई 2023
तीसरा मंगला गौरी व्रत 2023 – 22 अगस्त 2023
चौथा मंगला गौरी व्रत 2023 – 29 अगस्त 2023


सावन (अधिक मास) के मंगला गौरी व्रत 2023 (Sawan Adhik Maas Mangla Gauri Vrat 2023)
पहला मंगला गौरी व्रत 2023 (अधिक मास)- 18 जुलाई 2023
दूसरा मंगला गौरी व्रत 2023 (अधिक मास) – 25 जुलाई 2023
तीसरा मंगला गौरी व्रत 2023 (अधिक मास) – 1 अगस्त 2023
चौथा मंगला गौरी व्रत 2023 (अधिक मास) – 8 अगस्त 2023
पांचवा मंगला गौरी व्रत 2023 (अधिक मास) – 15 अगस्त 2023
कैसे करें मंगला गौरी व्रत ? (Mangla Gauri Vrat Puja vidhi)

सावन महीने में हर मंगलवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठें. अब लाल,गुलाबी,नारंगी,पीले या हरे रंग के स्वच्छ-सुंदर वस्त्र धारण करें. घर की पूर्वोत्तर दिशा में एक चौकी स्थापित करें और उस पर लाल कपड़ा बिछाएं. माता पार्वती की तस्वीर स्थापित करें. ‘मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरीप्रीत्यर्थं पंचवर्षपर्यन्तं मंगलागौरीव्रतमहं करिष्ये।’इस मंत्र का जाप करते हुए देवी पार्वती को सोलह श्रृंगार की सामग्री,सूखे मेवे,नारियल,लौंग,सुपारी,इलायची और मिठाई चढ़ाएं. मंगला गौरी व्रत की कथा पढ़ें और फिर आरती कर. श्रृंगार का सामान सुहागिनों को भेंट करें. हर मंगलवार इस विधि से पूजा करें.

नोट- उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्‍य सूचना के उद्देश्‍य से पेश की गई है हम इन पर किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते हैं.

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