इंदौर न्यूज़ (Indore News)

अनुदान पर ताबड़तोड़़ बनवाए निजी शौचालयों में कई खामियां

  • अब निगम सेवन स्टार रेटिंग हासिल करने के लिए 12 हजार से अधिक शौचालयों को करवाएगा ठीक

इंदौर। खुले में शौच से मुक्ति और स्वच्छता सर्वे के लिए निगम ने पिछले 4 वर्षों में ताबड़तोड़ शौचालयों का निर्माण करवाया। सार्वजनिक के अलावा एकल, यानी निजी शौचालय भी सब्सिडी, यानी अनुदान पर बनवाए गए। 12 हजार रुपए कीमत एक निजी शौचालय के निर्माण की शासन ने आंकी और उसमें से लोगों से सिर्फ 1200 रुपए की राशि ही ली गई, जबकि 10 हजार 800 रुपए शासन ने अनुदान के रूप में दिए। शहर से लेकर गांव-गांव में इसी तरह अनुदान पर शौचालयों का निर्माण करवाया, जिसमें जहां घोटाले भी हुए और व्यक्तिगत शौचालयों का इस्तेमाल ग्रामीण क्षेत्रों में तो गोदाम से लेकर अन्य तरीके से भी किया गया। इंदौर नगर निगम जहां लगातार चार बार स्वच्छता में नम्बर वन आया, वहीं उसने खुले में शौच से भी मुक्ति दिलाने के लिए शहरभर में सार्वजनिक शौचालयों-मूत्रालयों का निर्माण भी करवाया। हालांकि अब इनमें से आधे से ज्यादा में साफ-सफाई से लेकर अव्यवस्थाएं नजर आने लगी हैं। सर्वेक्षण के पहले निगम इनकी सुध लेता है। अब इस बार नगर निगम ने वाटर प्लस प्लस सर्वे में अव्वल आने की ठानी है, जिसके चलते सेवन स्टार रेटिंग हासिल की जाना है। लिहाजा कान्ह और सरस्वती नदी में मिलने वाले नालों की टेपिंग और आउटफॉल बंद करवाए जा रहे हैं तो निजी शौचालयों की लाइनें भी मेन सीवरेज से जुड़वाई जा रही हैं। वहीं शहर के सभी झोन और वार्डों में जो 12559 व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण करवाए गए अब उनके संचालन, संधारण, रखरखाव की समीक्षा भी आयुक्त ने की। इनमें से कई शौचालय टूट-फूट गए तो किसी में सेप्टिक टैंक नहीं हैं तो सिंगल पिट, ट्वीन पिट और सॉकेज पिटयुक्त शौचालय भी हैं। कई शौचालय सीवर लाइन से ही नहीं जुड़े हैं तो कई में प्रकाश, पानी, सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां तक कि निगम को कई शौचालयों में दरवाजे और कुंडी भी नदारद मिली। अब आयुक्त ने पीएचई के सहायक यंत्री, उपयंत्रियों सहित अन्य अधिकारियों को अपने-अपने झोन, वार्ड के अंतर्गत आने वाले व्यक्तिगत शौचालयों में आवश्यक सुधार कार्य करने, मरम्मत, सफाई, प्रकाश सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। ये सारे काम हालांकि निगम जिनके शौचालय हैं उन्हीं से करवाएगा। कोई शौचालय आउटलेट या खुली जगह में है तो उसे सीवरेज से जोड़ेंगे। सेप्टिक टैंक के आउटलेट सीवरेज से जोडऩे और सॉकेज पिट के काम भी दिसम्बर के पहले हफ्ते में करने के निर्देश आयुक्त ने दिए हैं। इससे संबंधित कार्यपालन यंत्री सुनील गुप्ता का कहना है कि सभी निजी शौचालयों को अब दुरुस्त करवाया जाएगा। वहीं नाला टेपिंग और आउटफॉल का काम भी चल रहा है। 3 हजार से ज्यादा आउटफॉल बंद भी करवा दिए हैं। अभी चंदन नगर में ही 148 व्यक्तिगत कनेक्शनों को सीवरेज लाइन से जुड़वाया गया।

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