उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

शहर में कई बहुमंजिला इमारत लेकिन आग बुझाने के साधन नहीं..मात्र 5 ने ली Fire NOC

  • चरक और दवा बाजार बिल्डिंग जैसी जगहों पर भी एनओसी नहीं-सतपुड़ा भवन जैसी आग लगी तो जन हानि होगी

उज्जैन। भोपाल स्थित सतपुड़ा भवन में लगी आग के बाद सेना बुलानी पड़ी है लेकिन उज्जैन की बड़ी इमारतों में आग लगी तो स्थिति भयावह होगी। यहाँ की बड़ी इमारतों में फायर एनओसी नहीं है। कल भोपाल के सतपुड़ा भवन में भयानक आग लगी और रात 2 बजे तक उसे बुझाया गया। हम यदि उज्जैन की बात करें तो यहाँ कई बहुमंजिला इमारतें हैं लेकिन इनमें आग बुझाने के संसाधन पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं। ऐसे में यदि इन इमारतों में आग लगी तो कितनी जन धन की हानि होगी यह नहीं कहा जा सकता है। सबसे पहले हॉस्पिटल की बात करें तो उज्जैन का चरक हॉस्पिटल जो कि सरकारी है यहाँ भी आग बुझाने के संसाधन नहीं हैं, जबकि यह सात मंजिला हॉस्पिटल है और यहाँ छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएँ भर्ती रहते हैं। यदि आग भयावह में हुई तो शिशु और गर्भवती माताएँ कैसे अपनी जान बचाएँगी यह समझ से परे है। इसके अलावा शहर में एक और 12 मंजिला हाईराइज बिल्डिंग हैं जो नानाखेड़ा में बनी हुई है। यहाँ भी नगर निगम से अब तक फायर एनओसी नहीं ली गई है। प्रभावशाली लोगों ने यह बिल्डिंग बनाई थी और उस समय इसकी अनुमति करा ली थी।


अनुमति भी इस इन शर्तों पर हुई थी कि यहाँ आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन रखे जाएँगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ, समय बीतता गया और इस बिल्डिंग में कई परिवार रह रहे हैं लेकिन बिल्डिंग मालिकों ने अभी तक फायर एनओसी नहीं ली है। ऐसे में यदि यहाँ ऊपर की मंजिलों में आग लगी तो कितना नुकसान होगा यह नहीं बताया जा सकता है, वहीं शहर में दवा बाजार में भी एक बार आग लग चुकी है और करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था। इसके बावजूद अभी तक दवा बाजार के संचालकों ने भी फायर एनओसी नहीं ली है। नगर निगम से जब इस संबंध में जानकारी ली गई तो मात्र 5 फायर एनओसी अब तक शहर में हुई है, जबकि 300 से अधिक होटल और सरकारी बिल्डिंग तथा अस्पताल हैं जो तीन से चार मंजिला और कोई-कोई सात मंजिला है। इन सब ने फायर एनओसी नहीं ली है। पिछले दिनों निगमायुक्त महाकाल क्षेत्र में घूमे थे और होटल संचालकों को फायर एनओसी लेने के लिए कहा था। थोड़े दिन तक मामला तेजी में चला और अब वह भी ठंडे बस्ते में जाने लगा है। अभी तक नगर निगम आयुक्त ने भी किसी भी होटल संचालक पर कोई कार्रवाई नहीं की है। पहले भी उज्जैन में पाटीदार अस्पताल, दवा बाजार, चंद्रगुप्त होटल जैसी बहुमंजिला इमारतों में आग लग चुकी है और यहाँ बड़ी मुश्किल से लोगों ने जान बचाई थी।नगर निगम की चेतावनी का कोई असर नहीं हुआ, महाकाल की होटलों ने नहीं ली फायर एनओसी
देवासगेट की एक होटल में आग लगने के बाद नगर निगम ने 15 दिनों में महाकाल क्षेत्र की सभी होटल एवं गेस्ट हाउस के लिए फायर एनओसी लेने के निर्देश जारी किए थे लेकिन यह मामला ठंडा पड़ गया है और फायर एनओसी नहीं ली गई है। ऐसे में भविष्य में हादसा हो सकता है।

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