मध्‍यप्रदेश राजनीति

MP विधानसभा में गूंजे कई गंभीर मामले, कांग्रेस MLA ने कहा- 2700 रुपए गेहूं का भुगतान करें सरकार

भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र (Budget session of Madhya Pradesh Assembly) के तीसरे दिन अवैध खनन, हरदा हादसे (Illegal mining, Harda accidents) समेत कई मामलों पर हंगामा देखने को मिला. विधानसभा में द्वितीय अनुपूरक बजट (Second supplementary budget in the assembly) पर चर्चा के दौरान कांग्रेस ने आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की. कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत (Congress MLA Ramniwas Rawat) ने कहा कि सरकार कर्ज की स्थिति भी स्पष्ट करें. सरकार पर 4 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज है. एमपी में प्रति व्यक्ति कर्ज 50 हजार तक पहुंच गया है. रामनिवास रावत ने आगे कहा कि सरकार के पास विकास के लिए राशि ही नहीं बची है. अधिकतर राशि सरकार ने कर्ज के ब्याज और पुनर्भुगतान के लिए ली है.

वहीं प्रश्नकाल के दौरान जौरा कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय ने पुलिस और कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए. विधायक ने सदन में कहा कि एमपी में अपराधों पर वृद्धि हो रही है, पुलिस की कमी है, महिला पुलिस भी इलाके में नहीं है. विधायक ने कहा मेरी चाची की सरेआम चैन लूट कर भाग गए अपराधी, आज तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई. इसके जवाब में मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा – एरिया के हिसाब से पुलिस कर्मियों की तैनाती नहीं होती है, अगर मामले में केस दर्ज हो रहा है तो स्पष्ट है कि कार्रवाई हो रही है.


वहीं डोलोमाइट खदानों के संचालन के मामले में नारायण सिंह पट्टा ने पूछा कि वन विभाग से लगी हुई खदाने हैं. फिर भी खनिज विभागों ने क्यों अनुमति जारी कर दी? हाई कोर्ट से खदान मालिकों को अनुमति मिल गई. इस पर दिलीप अहिरवार ने कहा – कोई अनुमति जारी नहीं की गई है. साल 2020 के बाद कोई भी खदान स्वीकृति खदान को लेकर नहीं दी गई है. विधायक पट्टा ने इस पर कहा कि नई खदानों को आवंटन करने के लिए सरकार से नोटिफिकेशन जारी किया गया है. क्या सरकार फिर से खदानें जारी करेगी? कलेक्टर ने जुर्माना 20 करोड़ का लगाया था लेकिन कमिश्नर ऑफिस से जाकर स्टे ले लिया. संबंध में सरकार क्या फिर से जांच कराएगी?

पट्टा ने कहा – ओसीएल खदान बंद है फिर भी खनन हुआ कलेक्टर ने जुर्माना लगाया, 2006 से खदान बंद है 2012 में कलेक्टर ने नोटिस लेकर जुर्माना लगाया. दूसरे खदान मालिकों ने बंद खदानों में से अवैध परिवहन किया। मामले में क्या सरकार फिर से जांच कराएग. मंत्री ने कहा कि 41 खदान स्वीकृत है, कुछ केस कोर्ट में चल रहे हैं.

वहीं कांग्रेस विधायक ने कहा – सरकार अपने वादे को पूरा करें. किसानों को 2700 गेहूं खरीदी का भुगतान करें. महिलाओं को 3000 और सिलेंडर की सब्सिडी भी दें. पूरा विपक्ष सरकार को सहयोग देगा. क्या यह पीएम मोदी की गारंटी में शामिल नहीं है? विधायक रावत ने कहा – प्रह्लाद पटेल की तरफ इसलिए देख रहा हूं क्योंकि बाकी पर भरोसा नहीं है. रावत ने कहा- मोदी की गारंटी है तो रामेश्वर शर्मा पूरी क्यों नहीं करवा रहे? वित्त मंत्री को बताना चाहिए कि अपरिचित मद क्या है. सिंचाई व्यवस्था और पीडब्ल्यूडी के लिए फंड की व्यवस्था की गई है. अप्रेक्षित मद में फंड की व्यवस्था कैसे हैं. कौन-कौन से पार्टी के विधायकों से विकास संबंधी योजनाओं की जानकारी ली गई है.

वहीं मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि सभी को तथ्य के साथ बातें करनी चाहिए. अनुदान की मांगों को लेकर बजट में प्रस्ताव लेकर आए थे,उसी राशि को खर्च किया जाए. एक करोड़ से कम राशि का उल्लेख बजट में नहीं किया गया है जबकि नियम प्रक्कलन समिति ने बनाया है कि उल्लेख किया जाए. वहीं हरदा में हुए भीषण विस्फोट मामले में कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने हरदा के पीड़ितों का मुद्दा भी उठाया. रामनिवास ने कहा कि सरकार उनकी विस्थापन और पुर्नावास के लिए फंड की व्यवस्था करेंय बजट में उनके स्थापना और आवास की व्यवस्था के लिए फंड दिया जाना चाहिए था.

वहीं कांग्रेस ने कहा कि आर्थिक स्थिति को लेकर सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए. सरकार ने कितना कर्ज लिया? क्या दायरे में रहकर कर्ज लिया गया, यह बताना चाहिए. दूसरे विभागों के पैसे को डायवर्ट किया जा रहा है. आपातकालीन स्थिति के लिए रखा गया बजट भी डायवर्ट किया गया. कांग्रेस ने कहा कि सबका साथ, सबका विश्वास, सबका भरोसा सरकार ने तोड़ दिया है. इसी बजट में भरोसे की सरकार नहीं रही है. ये सरकार बीजेपी की नहीं बल्कि प्रदेश की सरकार है. जो भेदभाव किया जा रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है.

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