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करीला धाम में माता जानकी का सजा दरबार

ग्वालियर । ग्वालियर संभाग के अशोकनगर (Ashoknagar of Gwalior Division) जिले में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला करीला मेले को इस वर्ष और व्यवस्थित रूप से आयोजित किया जा रहा है। मेले में आने वाली नृत्यांगनाओं (dancers) के लिये जहां विश्राम गृह बनाए गए हैं, वहीं उनकी सांस्कृतिक प्रस्तुति (cultural performance) के लिये पृथक-पृथक चबूतरे तैयार कराए गए हैं, जिस पर नृत्यांगनायें अपनी प्रस्तुति देंगीं। इसके साथ ही मेले में शराब के उपयोग को पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया है।

ग्वालियर संभाग के आयुक्त श्री आशीष सक्सेना की पहल पर नृत्यांगनाओं के लिये बेहतर व्यवस्थायें सुनिश्चित की गई हैं। गत दिनों नृत्यांगनाओं द्वारा संभागीय आयुक्त से मेले में ठहरने की उचित व्यवस्था न होने की बात कही गई थी। इसके साथ ही बिना स्टेज के मेले में जगह-जगह प्रस्तुति की व्यवस्था को और बेहतर करने की भी मांग की गई थी।

संभाग आयुक्त श्री सक्सेना ने प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक कर मेले में सभी व्यवस्थायें समय से पहले पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन की ओर से मेले में नृत्यांगनाओं के विश्राम के साथ-साथ उनकी प्रस्तुति के लिये अलग – अलग स्थान पर 10 चबूतरों का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही उनके विश्राम की व्यवस्था भी की गई है।



अशोकनगर जिला प्रशासन द्वारा लाखों की संख्या में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के अनुरूप व्यवस्थाएं की गई हैं। श्रद्धालुओं को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मेला परिसर में पाइप लाइन बिछाकर 20 -20 फीट के अंतराल से परिसर के चारों तरफ टोंटियों के माध्यम से पेयजल की व्यवस्था कराई गई है। साथ ही 300 छोटे तथा 10 बड़े टैंकर भी पेयजल सप्लाई के लिए उपलब्ध रहेगें।

आवागमन को सुगम एवं सुचारु बनाए रखने के लिए पहुंच मार्ग का डामरीकरण कराया गया है। पुल, पुलियों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया । अस्थाई 300 शौचालयों का निर्माण तथा दो स्नानागार की व्यवस्था पानी सहित करवाई गई है । अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाए जाने तथा मेला के पूर्व छापामार कार्यवाही किए जाने पर विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई की गई है। मेला परिसर में बधाई राई नृत्य करने वाली नृत्यांगनाओं के लिए पृथक पृथक चबूतरो पर नृत्य किए जाने की व्यवस्था कराई गई है। इन स्थानों पर प्रकाश एवं पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था कराई गई है। नृत्यांगनाओं के लिए चबूतरों के समीप 10-10 बड़े टेंट लगाकर विश्राम स्थल की व्यवस्था भी की गई है।

मेला परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए 150 सीसी टीवी कैमरे तथा दो ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाएगी । सुरक्षा व्यवस्था के लिए 2000 महिला एवं पुरुष जवानों की तैनाती की गई है । खोया पाया केंद्र भी मेला में संचालित रहेगा, जिसके माध्यम से बिछड़े हुए लोगों को मिलाया जा सके । मेला में वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था आवागमन स्थलों पर की गई है। साफ सफाई व्यवस्था के लिए जिले की समस्त निकायों के माध्यम से कराई जा रही है । साथ ही मेला परिसर में लाइटिंग, बेरीकेटिंग,गेट तथा दुकानों की व्यवस्था व्यवस्थित रूप से कराई गई है ।मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं का जिला प्रशासन द्वारा पूरी मुस्तैदी के साथ कार्य कराए जा कर व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई गई है।

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