नई दिल्ली। मसालो की मशहूर कम्पनी MDH जिसने देश व विदेश में अपना नाम बनाया, उसके मलिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का 98 वर्ष की आयु में आज सुबह Heart Attack आने से दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया। कोरोना से ठीक होने के बाद हार्ट अटैक से उनका निधन हुआ। व्यापार और उद्योग में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए पिछले साल उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मभूषण से नवाजा था।
इन्होंने अपने मसाले के बिजनेस को विदेशों में निर्यात करके एक अलग ही मुक़ाम पर पहुँचाया था जो कि उस समय किसी भी कम्पनी की कल्पना से परे था। और भारत में इनका नाम इनके काम की वजह से ही इतना बढ़ा बना था।
मसलों के बादशाह गुलाटी का जन्म 27 मार्च, 1923 को सियालकोट (पाकिस्तान) में हुआ था। 1947 में हुए विभाजन के बाद महज 1,500 रुपये लेकर वह भारत आ गए। भारत आकर उन्होंने परिवार के भरण-पोषण के लिए तांगा चलाना शुरू किया। फिर जल्द ही उनके परिवार के पास इतनी संपत्ति जमा हो गई कि दिल्ली के करोल बाग स्थित अजमल खां रोड पर मसाले की एक दुकान खोली ली। धीरे-धीरे कारोबार इतना फैलता गया कि आज उनकी भारत और दुबई में मसाले के 62 प्रॉडक्ट्स की 18 फैक्ट्रियां हैं। हैं। 2018 में 25 करोड़ रुपये इन-हैंड सैलरी मिली थी। गुलाटी अपनी सैलरी का करीब 90 फीसदी हिस्सा दान कर देते थे। वह 20 स्कूल और 1 हॉस्पिटल भी चला रहे थे।
पांचवीं कक्षा तक पढ़े धरमपाल गुलाटी अपने उत्पादों का ऐड खुद ही करते थे।उन्हें दुनिया का सबसे उम्रदराज ऐड स्टार माना जाता था।
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