इंदौर न्यूज़ (Indore News)

मेट्रो एक राऊ शहर जितनी बिजली में दौड़ पाएगी मेट्रो


इंदौर बिजली कंपनी ही करेगी मेट्रो को बिजली सप्लाय, हर माह करोड़ों का बिल
इंदौर।  मेट्रो ट्रेन (metro train) के संचालन के लिए बिजली (electricity) भी विपुल मात्रा में लगने वाली है। राऊ (rau) जितने शहर को जितनी बिजली की जरूरत होती है, उतनी इंदौर मेट्रो ट्रेन (indore metro train) के पहले चरण में बिजली लेगी। यह बिजली करीब पांच करोड़ प्रतिमाह की होगी। इस बिजली को मप्रपक्षेविविकं (mprakshavik) ही वितरित करेगी।


इंदौर में मेट्रो के लिए विजय नगर (vijay nagar) , सुखलिया (sukhliya), एमआर 10 आदि क्षेत्रों में कार्य तेजी से चल रहा है। बाधक 132 केवी बिजली लाइन हटा दी गई है, जहां भी मेट्रो (metro) की राह में पेड़ या बिजली की छोटी लाइनें आएंगी, उन्हें भी आगे जाकर हटाया जाना है। मेट्रो ट्रेन उसी तरह दौड़ेगी, जिस तरह भारतीय रेल के इंजन 25 हजार वाल्ट की ओवर हेड लाइनों (overhead lines) से बिजली (electricity) लेकर दौड़ते हैं। मेट्रो के इंजन किस तरह के होंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन ये इंजन 6000 एचपी से 12000 एचपी की शक्ति वाले प्रयुक्त होते हैं। इसी से बिजली के उपयोग का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस तरह के इंजन एक घंटे में हजारों यूनिट बिजली लेते हैं। इस तरह एक घंटे में मेट्रो के इंजन (engine) ही पचास से 75 हजार रुपए तक बिजली लेंगे। दिनभर में एक इंजन लाखों की बिजली उपयोग करेगा। यदि पहले चरण में चार मेट्रो ट्रेन भी दौड़़ाने की स्थिति बनी तो दैनिक बिजली व्यय ही पच्चीस लाख तक हो सकता है। मेट्रो का इंजन भारी बिजली लेता है, साथ ही पूरी ट्रेन में भी अन्य उपयोग जैसे बोर्ड, आटोमेटेड गेट, एनाउंसमेंट एंड म्यूजिक, लाइटिंग आदि पर काफी बिजली लगती है, साथ ही मेट्रो के स्टेशन भी चकाचौंध से भरपूर देखे जा सकते हैं। इसी से बिजली के ज्यादा उपयोग की स्थिति बनती है। बिजली कंपनी आगे जाकर 132 केवी स्थानीय लाइन के पास छोटा स्टेशन बनाकर या मौजूदा 33 केवी लाइनों के पास से मेट्रो को बिजली देगी। बिजली किस पाइंट से दी जाना है, यह अगले वर्ष मेट्रो संचालन समिति के तकनीकी सदस्य तय करेंगे। उनकी मांग के हिसाब से ही बिजली वितरण के लिए पाइंट तय होगा।


इंदौर मेट्रो राज्य शासन की प्राथमिकता है। बिजली कंपनी (power company) भी मेट्रो के लिए हरसंभव सहयोग करेगी। इंदौर मेट्रो (indore metro) की कमेटी में चीफ इंजीनियर भी सदस्य रूप में शामिल हैं, जो हर मिटिंग में मौजूद रहते हैं। मेट्रो के लिए बिजली कंपनी (power company) हरसंभव सहयोग देगी, चाहे वह मेट्रो की लाइन के पास से बिजली लाइन विस्थापन का कार्य हो या फिर मेट्रो का कार्य पूरा होने पर मेट्रो संचालन के लिए उच्च शक्ति की बिजली प्रदान करने का।
-अमित तोमर, एमडी

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