नागदा। आज जब सारा विश्व भारत की ओर देख रहा है तब हम विश्व को मोटा अनाज के लाभ के बारे में बता रहे हैं। मोटा अनाज अब समय की जरूरत बन गया है। भारत सरकार ने यह वर्ष पोषक ओर मोटा अनाज वर्ष के रूप में घोषित किया है। यह बात ग्रेसिम केमिकल डिविजन सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग द्वारा आयोजित मोटा अनाज की जानकारी व उसका उत्पादन व लाभ पर आयोजित कार्यशाला में कृष्णा गनेरीवाल ने कही। शिविर विभाग के यूनिट हेड प्रेम तिवारी के मार्गदर्शन, विभागाध्यक्ष कार्मिक एवं प्रशासन सागर खड्डा के निर्देशन में हुआ। खड्डा ने कहा कि आने वाले समय मे मोटा अनाज की महत्ता बढऩे वाली है। आदित्य बिड़ला ग्रुप के सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग ने इसके उत्पादन हेतु जागृति और लाभ को लेकर कार्य करने का अभियान शुरू किया है।
विक्रम विवि के प्रोफेसर हरीश व्यास ने किसानों से कहा कि वर्तमान में मोटा अनाज ही अब विश्व को बीमारियों से मुक्ति दिला सकता है। हमारे ऋषि मुनि एक प्रकार से वैज्ञानिक थे वे जानते थे कि मोटा अनाज जैसे ज्वार, बाजारा, राजगिरा ये स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी थे। आज इसके उत्पादन को पुन: अपनाने की जरूरत है। प्रोफेसर अल्का व्यास एवं प्राचार्य डॉ. भास्कर पी. रेड्डी, नूरम कुरैशी ने मोटे अनाज का खासियत पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।
ये रहें मौजूद
केमिकल डिविजन के अभिषेक रघुवंशी, बिरियाखेड़ी सरपंच प्रहलाद मकवाना, पूर्व सरपंच नंदकिशोर जाट, फहतेहलाल राठौर, पारदी सरपंच ईश्वर बोड़ाना, सचिव लोकेंद्र सिंह, जनपद सदस्य प्रतिनिधि मनोहर बोड़ाना आदि मौजूद थे। संचालन ग्रामीण विकास अधिकारी अजय नागर ने किया।