भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

MLA पति के पोस्टर चिपके, संपति कुर्क करने की तैयारी

  • जयंत मलैया (Jayant Malaiya) के बेटे ने उठाए सवाल

भोपाल। दमोह उपचुनाव की घोषणा के साथ ही पथरिया से बसपा विधायक रामबाई के हत्यारोपी पति गोविंद सिंह की गिरफ्तारी सरकार के लिए सिरदर्द बन गई है। मप्र पुलिस को सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई तक गोविंद सिंह की गिरफ्तारी सुनिश्चित करनी है। ऐसे में एसटीएफ दमोह में डेरा डाले हुए है और जगह-जगह छापेमारी कार्रवाई हो रही है। हालांकि अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। 50 हजार का इनाम घोषित करने के बाद हत्यारोपी के जगह-जगह पोस्टर लगाए गए हैं। अब गोविंद की संपत्ति की सूची तैयारी हो रही है। जिसे कुर्क किया जाएगा। पति को पुलिस के सामने हाजिर कराने के लिए विधायक रामबाई पर भी पुलिस का लगातार दबाव बढ़ रहा है। रामबाई के खिलाफ भी पुलिस में दर्ज पुराने प्रकरणों को खंगाला जा रहा है। इधर भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री जयंत मलैया के बैटे सिद्धार्थ मलैया ने गोविंद सिंह के भाई महेन्द्र सिंह के बेटों पर पुलिस द्वारा दर्ज किए गए प्रकरण पर सवाल उठाए हैं। मलैया के अनुसार गोविंद सिंह का उसके भाई से कोई संपर्क नहीं था। ऐसे में उन पर कार्रवाई उचित नहीं है। मलैया ने व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अपराधियों का खात्मा जरूरी है। उन्होंने आशंका जताई कि आज नहीं तो कल या 5 साल बाद मेरी भी हत्या हो सकती है।

रामबाई का रसूख खत्म होगा
पथरिया से बसपा विधायक रामबाई का रसूख कमलनाथ सरकार के समय में तेजी से बढ़ा। विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता देवेन्द्र चौरसिया हत्याकांड में पुलिस ने पहले रामबाई के पति को ही हत्यारोपी बनाया था। गिरफ्तारी पर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया था, लेकिन कमलनाथ सरकार के समय में पुलिस जांच में रामबाई के पति गोविंद सिंह का नाम हत्यारोपी से हटाया। शिवराज सरकार में भी रामबाई का रसूख बरकरार रहा। सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद सरकार हरकत में आई है। अब दमोह प्रशासन ने रामबाई पर चौतरफा शिकंजा कसा है। पूरा रसूख खत्म हो जाएगा।

संपत्ति की जांच में नहीं मिली गड़बड़ी
दमोह जिला प्रशासन इन दिनों विधायक रामबाई और उनके पति की संपत्ति की जानकारी जुटा रही है। बुधवार को सिर्फ सरकारी जमीन पर अतिक्रमण मिला उसे गिरा दिया है। इसके बाद मकान की नपती की गई, उसका भी डायवर्सन मिला। जो जमीन है वह कृषि जमीन है। ऐसे में प्रशासन को खाली हाथ लौटना पड़ा है। सूत्रों ने बताया कि रामबाई के पति गोविंद सिंह अपने रसूख के बलबूते पर विवादित जमीनों के प्रकरणों का निपटारा कराते थे।

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