इंदौर न्यूज़ (Indore News)

अपनी टीम बनाने में जुटे मोहन… भरोसेमंद अफसरों की कर रहे हैं नियुक्तियां

मंत्रियों को दिलवाए प्रशिक्षण की प्रशंसा प्रधानमंत्री ने भी की, मुख्यमंत्री सचिवालय को भी किया मजबूत, सोच-समझकर किए जा रहे हैं महत्वपूर्ण तबादले

इंदौर। मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. मोहन यादव ने कम समय में ही अपनी छाप छोड़ी। वहीं उन्होंने सख्त निर्णय भी लिए। दूसरी तरफ गुड गर्वनेंस के लिए योग्य अफसरों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा रही है और वे अपनी टीम बनाने में भी जुटे हैं। यही कारण है कि सोच-समझकर महत्वपूर्ण पदों पर तबादले किए जा रहे हैं। यहां तक कि मंत्रियों को भी उन्होंने सुशासन का प्रशिक्षण अभी दिलवाया, जिसकी सराहना कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी की। जब मुख्यमंत्री उनसे मिले और अन्य योजनाओं के साथ लीडरशिप समिट के दो दिवसीय आयोजन की जानकारी भी उन्हें दी। इतना ही नहीं उन्होंने मुख्यमंत्री सचिवालय का कायाकल्प भी शुरू किया।


शुरुआत में भले ही अधिकांश लोगों को यह लगा हो कि केन्द्रीय नेतृत्व ने वरिष्ठों को नजरअंदाज कर कनिष्ठ को मुखिया पद सौंप दिया और उन्हें काम करने में परेशानी आएगी। मगर एक-डेढ़ महीने के अपने अल्प कार्यकाल में ही डॉ. मोहन यादव ने इस तरह की अटकलों को खारिज कर दिया और गड़बड़ी पाए जाने पर तुरंत नौकरशाहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की, तो दूसरी तरफ तबादलों के मामले में भी सोच-समझकर निर्णय लिए जा रहे हैं। इंदौर कलेक्टर के बाद पुलिस कमीश्नर के रूप में भी उन्होंने इसी तरह की नियुक्ति करवाई। जिन नौकरशाहों की कार्य प्रणाली को वे पहले से जानते हैं उन्हें अब बेहतर अवसर दिए जा रहे हैं। प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह का चयन भी खरा साबित हुआ, जिन्होंने चंद दिनों में ही प्रदेश सरकार को कई मोर्चों पर सफलता दिलवाई और सचिवालय में भी आईआईटी, आईआईएम जैसे संस्थानों के अलावा अच्छा प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को ही नियुक्त किया गया। जनसम्पर्क आयुक्त के रूप में जहां संदीप यादव को लाया गया, तो अभी जो तबादला सूची दो दिन पहले आई उसमें भरत यादव, अविनाश लवानिया, अंशुल गुप्ता, चंद्रशेखर वालिंबे और अदिति गर्ग को भी मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ किया गया। ये सभी अधिकारी बेहतर कार्य क्षमता के साथ नए विजन से जुड़े रहे हैं। इतना ही नहीं, मंत्रियों के लिए भी प्रशिक्षण रखवाया, जिसकी प्रशंसा मोदी जी ने भी की। कुल मिलाकर डॉ. मोहन यादव अपनी योग्य टीम बनाने में जुटे हैं, ताकि गुड गवर्नेंस का एक बेहतर मॉडल मध्यप्रदेश में खड़ा किया जा सके।

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