कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के बाद दुनिया भर में स्वास्थ्य के लिए बन रहा संकट मंकीपॉक्स (Monkeypox) संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामले अब देखने को मिल रहे हैं। जिसके चलते न्यूयॉर्क (New York) में जन स्वास्थ्य आपातकाल (Health Emergency) घोषित किया गया है।न्यूयॉर्क में इसका असर सबसे अधिक देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही यूरोप (Europe) के साथ-साथ अमेरिका (America) में भी मंकीपॉक्स संक्रमण के मामले सामने आने लगे हैं।
न्यूयार्क के मेयर एरिक एडम्स व स्वास्थ्य आयुक्त अश्विन वासन ने बताया कि यहां 1.50 लाख से भी अधिक नागरिकों को संक्रमण का जोखिम है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के आंकड़ों के अनुसार, न्यूयार्क में बीते शुक्रवार तक 1,345 मामले दर्ज किए गए हैं।
वहीं, कैलिफोर्निया 799 के साथ दूसरे स्थान पर था। बीते 23 जुलाई को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था। यह बीमारी मध्य और पश्चिम अफ्रीका के कुछ हिस्सों में दशकों से है, लेकिन यह बाहर इतने व्यापक रूप से नहीं फैली थी। भारत में अब तक मंकीपॉक्स संक्रमित चार मरीज सामने आए हैं। इन सभी की हालत स्थिर बताई जा रही है।
गौरतलब है कि डब्ल्यूएचओ के अनुसार इस साल मई के बाद से 80 देशों में मंकीपॉक्स के 22,000 से अधिक मामले सामने आए हैं। इनमें से लगभग 75 संदिग्ध मौतें अफ्रीका के नाइजीरिया व कांगो में हुईं। ब्राजील, स्पेन ने भी मंकीपॉक्स से जुड़ी मौतों की सूचना दी। दुनियाभर में रोज करीब 4000 लोग एचआईवी संक्रमित मिल रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया के सभी देशों से बीमारी की रोकथाम और उपचार पर जोर देने की अपील की है। यूएन के अनुसार नए एचआईवी संक्रमण में कमी की प्रगति धीमी है। हर दिन 4,000 लोग दुनियाभर में संक्रमित हो जाते हैं।
यूएनएड्स के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले दो वर्ष में कोविड-19 व अन्य संकटों से एचआईवी के खिलाफ लड़ाई कमजोर पड़ी है। इससे लाखों लोगों की जान जोखिम में है। कनाडा के मॉन्ट्रियल में अंतरराष्ट्रीय एड्स सम्मेलन से पहले लॉन्च रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 और 2021 के बीच नए रोगियों में केवल 3.6 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो 2016 के बाद सबसे कम है।
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