इंदौर। सनातन संस्कृति (Sanatan culture) सभी को जोड़ एकरूपता का भाव दर्शाती है, फिर चाहे मनुष्य हो या पशु। इंदौर (Indore) के समीप खाती पीपल्या में एक बंदर (monkey) की मृत्यु हो जाने के बाद ग्रामीणों ( villagers) ने विधि-विधान (law and order) से अंतिम संस्कार तो किया ही, कल तीसरे का आयोजन भी कर रहे हैं और मुक्तिभोज का निर्णय भी किया गया है।
खाती पीपल्या गांव में बंदर की शवयात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया। पूर्व सरपंच संतोष पटेल, सतीश, सरपंच महेंद्र, हेडन बाबा, ओमप्रकाश चौधरी, सुरेश जागीरदार, बंसी पटेल, केदार पटेल ने बताया कि बंदर चार-पांच दिन से इमली के पेड़ पर बैठा था। ऐसा लगता है कि वह बीमार था और अचानक उसकी मौत हो गई। गांव वालों ने बताया कि 9 तारीख को तीसरा का कार्यक्रम है और 11 दिन के बाद मुक्तिभोज कार्यक्रम पूरे गांव वालों के सहयोग से किया जाएगा।
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