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मोरबी हादसा: लापता लोगों पर असमंजस, चार दिन बाद भी तलाशी अभियान जारी

अहमदाबाद। मोरबी में पुल हादसे (Morbi bridge accident) को चार दिन बीत गए हैं। मच्छु नदी में अब भी तलाशी अभियान (Machhu river still search operation) खत्म नहीं हुआ है। राज्य के फायर सर्विस चीफ (fire service chief) ने कहा है कि कम से कम दो लोग अब भी लापता हैं। बता दें कि इस हादसे के बाद 135 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। वहीं दो लोगों को ढूंढने का अभियान जारी है। दमकल अधिकारी ने कहा, सही संख्या के बारे में कहा नहीं जा सकता। हो सकता है कि दो से ज्यादा लोग भी लापता हों। मालूम हो कि एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) मोरबी पहुंचे थे। उन्होंने घटना स्थल का जायजा लिया। इसके बाद मोरबी सिविल अस्पताल जाकर घायलों से मिले। उन्होंने कुछ मृतकों के परिवारों से भी मुलाकात की।

हादसे में कम से कम 170 लोग घायल हो गए थे। यह 105 साल पुराना पुल केबल के सहारे झूलता था। रेनोवेशन के बाद इसे हाल ही में खोला गया था। रेनोवेशन का ठेका ओरेवा ग्रुप को दिया गया था। इस कंपनी ने नगर पालिका के साथ समझौता किया था। कंपनी पर लापरवाही का आरोप है। वहीं इससे जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एक समाचार चैनल से बातचीत के दौरान एक अधिकारी ने कहा, अभी नदी में तलाशी अभियान चलता रहेगा। स्थिति को देखते हुए ही आगे का कोई फैसला किया जाएगा।


वहीं जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि समय ही बता पाएगा कि कितने लोग लापता हैं। हम आखिरी समय तक प्रयास करते रहेंगे। एडीएम एनके मुच्छर ने कहा कि जो लोग भी नदी में गिरे थे, उन सबके बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। इसके बाद ही लापता लोगों की सही संख्या सामने आएगी। बता दें कि जिस कंपनी को इस पुल के रेनोवेशन का काम दिया गया था वह ‘अजंता दीवार घड़ी’ बनाने के लिए जानी जाती है।

कॉन्ट्रैक्ट में सामने आया है कि रेनोवेशन के लिए यह पुल 8 से 12 महीने के लिए बंद किया जाना था। हालांकि इसे केवल सात महीने के बाद ही अक्टूबर में खोल दिया गया। वहीं इसके केबल पुराने ही लगे थे। घटना वाले दिन इस ब्रिज पर कपैसिटी से ज्यादा लोगों को जाने कि इजाजत दे दी गई। जिस पुल की क्षमता 150 लोगों की थी, 30 अक्टूबर को उसपर 500 से ज्यादा लोग मौजूद थे। वहीं ओरेवा कंपनी के 9 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। कंपनी ने दावा किया था कि मरम्मत के बाद पुल 9 से 10 साल तक पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। हादसे के बाद आलम यह है कि कंपनी का अहमदाबाद वाला फार्महाउस भी बंद पड़ा है। यहां ताला लटका है और एक गार्ड तक नहीं है।

मामले को लेकर जांच की मांग की जा रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने भी कहा कि मोरबी हादसे पर सियासत नहीं होनी चाहिए लेकिन जांच जरूरी है। वहीं विपक्ष यह भी सवाल कर रहा है कि ओरेवा कंपनी के शीर्ष पदाधिकारों के खिलाफ ऐक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के सामने यह भी देखने को मिला था कि ओरेवा कंपनी का बोर्ड कपड़े से ढक दिया गया था।

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