उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

दो साल में 2 हजार से अधिक सड़क हादसे

  • 300 से अधिक लोगों की जान गई-सैकड़ों लोग हुए घायल

उज्जैन। पिछले साल की तरह इस साल भी सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ बराबर बना हुआ है। इन दो सालों में स्थिति यह रही कि जिले की सीमा में 2 हजार से अधिक सड़क हादसे हो चुके हैं जिसमें इस साल के नवंबर माह तक करीब 300 लोगों की जान भी जा चुकी है और सैकड़ों घायल हुए हैं। शहर के आंतरिक तथा बाहरी मार्गों पर पिछले दो सालों से लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं। पिछले एक महीने में ही शहरी क्षेत्र में कई सड़क दुर्घटनाएँ हो चुकी है। इसके पहले साल 2021 में 1 जनवरी से लेकर 31 अक्टूबर के बीच जिले की सीमा में 1229 एक्सीडेंट की घटनाएँ हुई थीं। सड़क दुर्घटनाओं के यह मामले शहरी और देहात क्षेत्र के करीब-करीब सभी थानों के रिकार्ड में दर्ज हुए थे। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक सड़क दुर्घटनाएँ रोकने के लिए संबंधित विभागों के साथ मिलकर पुलिस लगातार काम कर रही है। सभी का प्रयास है कि सड़क दुर्घटनाओं में ज्यादा से ज्यादा कमी हो। इसके लिए समय-समय पर पुलिस विभाग द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है। सड़क सुरक्षा सप्ताह और पखवाड़ा जैसे जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।


सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान माल का नुकसान कम हो इसके लिए भी समय-समय पर जागरूकता अभियान के साथ-साथ लोगों को हेलमेट पहनने, सड़कों पर वाहनों की रफ्तार सीमित रखने, ट्राफिक चौराहों पर सिग्नल का विधिवत पालन करने जैसे प्रयास पूरे साल चलते हैं। गत वर्ष 1 जनवरी से लेकर 31 अक्टूबर तक की अवधि में जिले में 1229 सड़क दुर्घटनाएँ हुई थीं। इसमें 219 लोगों की दु:खद मौत भी हुई। इसके अलावा तब दुर्घटनाओं में 1207 लोग घायल हुए थे। सूचना मिलते ही 108 एम्बुलेंस सेवा और पुलिस वाहनों के जरिये घायलों को तत्काल उपचार के लिए नजदीक के अस्पतालों में भेजा गया था तथा कुछ जान बचाई गई थी। इस साल भी जनवरी से लेकर नवंबर माह के अंत तक 1 हजार से अधिक सड़क हादसे जिले के अलग-अलग मार्गों पर हुए हैं और उनमें 100 से अधिक लोगों की जान गई है। बीते दो वर्षों में सड़क हादसों का आँकड़ा 2 हजार से पार चला गया है।

चिन्हित स्पॉट सुधरने पर ही हादसे कम होंगे
उज्जैन जिले में एमपीआरडीसी के अधिकारी साल 2014 से लेकर 2017 तक हुई सड़क दुर्घटनाओं के आधार पर 380 स्थानों पर ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर चुके थे। यह स्थान ऐसे हैं जहाँ अंधे मोड़ हैं। आगर रोड, इंदौर रोड, देवास रोड हो या फिर उज्जैन बडऩगर या उज्जैन नागदा मार्ग कई जगह साल में सड़क दुर्घटनाएँ ज्यादातर इन्हीं ब्लैक स्पॉटों पर होती है। मक्सी रोड पर भी दो साल पहले ऐसे स्थान चिन्हित किए गए थे जहाँ हादसों के बाद खतरनाक स्थान चिन्हित किए गए थे। पुलिस विभाग अपने स्तर पर इनकी जाँच भी कर चुका है। मार्गों के सुधार के लिए संबंधित विभागों को अपनी रिपोर्ट भी भेज चुका है। लेकिन चिह्नित किए गए मार्गों को सुधारा नहीं गया है और हादसे लगातार हो रहे हैं।

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