विदेश

Myanmar में विरोध प्रदर्शन पर कार्रवाई में अब तक हो गईं 230 से अधिक लोगों की मौतें

नेयपीडॉ । म्यांमार (Myanmar) में तख्तापलट के बाद 44 दिनों में विरोध प्रदर्शन पर हुई कार्रवाई में 230 से अधिक लोगों की मौत हुई है। म्यांमार (Myanmar) में नागरिक अधिकार समूह (Civil rights group), राजनीतिक कैदियों के सहायता संघ (Political Prisoners’ Aid Association) ने शुक्रवार को फेसबुक पर लिखा, “एक फरवरी से अब तक देशभर में हुए विरोध प्रदर्शनों पर हुई कार्रवाई में 234 लोगों की मौत हो चुकी है।”



इससे एक दिन पहले अधिकार समूह ने यह संख्या 224 बताई थी। समूह ने कहा कि यह उसके पास दर्ज सत्यापित हताहतों की संख्या है। उन्होंने कहा कि वास्वत में यह संख्या इससे भी अधिक हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस दौरान 2,330 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

उधर, संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के महासचिव एंतोनियो गुतेरेस ने म्यांमार में सैन्य तख्तापलट (Myanmar Coup) को ‘विफल’ करने के लिए फिर दोहराया है कि वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद लेने का संकल्प लेकर इस मुद्दे को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संकट से निपटने के लिए सुरक्षा परिषद् एकजुट नहीं हुआ है.

गुतेरेस ने कहा कि म्यांमार में नवंबर के चुनाव ‘शांतिपूर्ण संपन्न होने’ के बाद यह ‘पूरी तरह अस्वीकार्य’ है कि चुनाव परिणामों और जनाकांक्षा को खारिज कर दिया जाए. तख्तापलट पूरी तरह अस्वीकार्य है और मुझे उम्मीद है कि म्यांमार में एक बार फिर से लोकतंत्र आगे बढ़ेगा.’ उन्होंने कहा कि इसे हासिल करने के लिए सभी कैदियों को रिहा किया जाना चाहिए और संवैधानिक व्यवस्था फिर से बहाल की जानी चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मुद्दे पर एकजुट होगा.

गौरतलब है कि म्यांमार में सेना ने सत्ता को अपने नियंत्रण में ले लिया और स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची (Aung San Suu Kyi), राष्ट्रपति यू विन मिंत और देश के अन्य शीर्ष नेताओं को हिरासत में लिया हुआ है.

Share:

Next Post

बढ़ते Corona में जानें राज्‍यों की हालात, चार महीने में सबसे अधिक केस

Sat Mar 20 , 2021
नई दिल्‍ली । देश में कोरोना वायरस (Corona virus) की रफ्तार ने डर पैदा कर दिया है। चार महीने बाद इसके सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। शुक्रवार को देश में संक्रमण के करीब 40 हजार मामले आए जो करीब चार महीने में एक दिन में आए सबसे अधिक मामले हैं। अब कई राज्यों में […]