- जिला अस्पताल में औसतन रोज 20 लोग लगवा रहे रैबीज के इंजेक्शने
उज्जैन। नगर निगम द्वारा श्वानों को पकडऩे का अभियान नहीं चलाया जा रहा। इस कारण शहर में श्वानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मुख्य सड़कों पर भी श्वानों के झुंड नजर आ रहे हैं। जिला अस्पताल में औसतन रोजाना 20 से अधिक लोग आवारा श्वानों का शिकार होकर उपचार के लिए पहुंच रहे हैं।
नगर निगम ने पिछले तीन साल से शहर से आवारा श्वानों को पकड़कर उनकी नसबंदी कराने का अभियान जारी रखा है। उमरिया की संस्था द केयर ऑफ एनिमल द्वारा यह नसबंदी की जा रही है। दावा किया जाता है कि तब से प्रतिवर्ष यह संस्था 5 से 7 हजार श्वानों की नसबंदी कर रही है। इसके विपरित अभी भी शहर में आवारा श्वानों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। शहर के सघन आबादी वाले क्षेत्र हो या फिर दूरदराज की नई कॉलोनियां कोई भी आवारा श्वानों से अछूता नहीं रहा है।
शहर की मुख्य सड़कों से लेकर इंदौर रोड, देवास रोड, आगर रोड की सड़कों पर भी रात में श्वानों के झुंड वाहन चालकों के पीछे दौड़ते देखे जा सकते हैं। इधर जिला अस्पताल के आर.एम.ओ. डॉ. जितेन्द्र शर्मा ने बताया कि जिला अस्पताल में अभी भी आवारा श्वानों का शिकार हुए लोग रेबिज के इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं। सुबह से शाम तक 15 से 20 लोग रोज श्वान का शिकार होने के बाद उपचार के लिए आ रहे हैं। हर महीने लगभग 500 लोग श्वानों के शिकार हो रहे Share: