- नीति आयोग की रिपोर्ट में सामने आया तथ्य
- 18-23 वर्ष के 21.5 प्रतिशत छात्र ही कॉलेज में ले रहे प्रवेश
भोपाल। प्रदेश में उच्च शिक्षा (Higher education) को लेकर ज्यादातर स्टूडेंट्स (Students) की दिलचस्पी नहीं है या फिर किसी अन्य कारण से कॉलेज (College) में एडमिशन (Admission) नहीं ले रहे हैं। यही वजह है कि हायर एजुकेशन (higher education) के लिए स्टूडेंट्स (Students) का रजिस्ट्रेशन (Registration) ज्यादा नहीं हो रहा है। इसका खुलासा हुआ है नीति आयोग (NITI Aayog) की रिपोर्ट में। आयोग द्वारा जारी की गई सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (Sustainable Development Goal) की रिपोर्ट में सामने आया कि प्रदेश में 18-23 वर्ष के बीच सिर्फ 21.5 फीसदी स्टूडेंट्स (Students) ही कॉलेजों में प्रवेश ले रहे हैं। इस मामले में मप्र (MP) अपने पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) से सिर्फ 3 फीसदी अंक ही आगे है।
आयोग द्वारा कॉलेजों में प्रवेश के आंकड़े को 50 फीसदी तक लाने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद सिर्फ एक ही राज्य इस लक्ष्य को पूरा कर पाया है। जबकि अन्य कोई भी राज्य इसके करीब तक भी नहीं पहुंच पाया है। रिपोर्ट के अनुसार नीति आयोग द्वारा इस वर्ष के लिए सभी राज्यों को 50 फीसदी तक हायर एजुकेशन में पंजीयन कराने का लक्ष्य दिया था। जिसे देशभर में सिक्किम ही पूरा कर पाया है। वहीं राजस्थान-23, तमिलनाडु-49, तेलंगाना-36.2, त्रिपुरा-19.2, उप्र-25.8, उत्तराखंड-39.1 और पश्चिम बंगाल में 19.3 फीसदी रहा प्रवेश। जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार हायर एजुकेशन में औसतन पंजीयन के मामले में अपना मप्र देश में पीछे चल रहा है। आंकड़ों के अनुसार जहां देश का औसत 26 फीसदी है। वहीं, अपने राज्य का औसत 21.5 फीसदी है। यानि अपना मध्यप्रदेश देश से 4.5 फीसदी पीछे चल रहा है।