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MP : रेमडेसिविर चोरी मामले में क्राइम ब्रांच के हाथ खाली, 863 इंजेक्शनों का अब तक कोई सुराग नहीं

भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) में हड़कंप मचा देने वाले मामले में क्राइम ब्रांच (Crime Branch) को अभी तक कुछ हाथ नहीं लगा है. हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) में रेमडेसीविर इंजेक्शन (Remdesiveer Injection) चोरी होने के मामले में क्राइम ब्रांच एक महीने के बाद भी सुराग नहीं पता लगा पाई है. जांच टीम को अभी तक पता नहीं चला कि इतनी बड़ी संख्या में चोरी गए इंजेक्शन आखिरकार कहां गए और इसके पीछे किन आरोपियों का हाथ है. अब इस मामले में बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गई हैं.

बता दें, हमीदिया सेंट्रल ड्रग स्टोर (Hamidia Central Drug Store) से 863 इंजेक्शन चोरी हो गए थे. 17 अप्रैल को FIR दर्ज कराई गई थी. क्राइम ब्रांच ने जांच के दौरान कई लोगों से पूछताछ की. लेकिन, आरोपी के गिरेबां तक हाथ नहीं पहुंच सके. अब सवाल उठ रहा है इतनी बड़ी संख्या में इंजेक्शन की बंदरबांट हुई या फिर ये इंजेक्शन कालाबाजारी की भेंट चढ़ गए.


क्राइम ब्रांच पर कई बड़े सवाल
इस जांच को ठंडे बस्ते में डाले जाने को लेकर अब क्राइम ब्रांच पर कई बड़े सवाल उठाने लगे हैं. एक सवाल यह भी है कि क्या किसी पॉलिटिकल कलेक्शन होने की वजह से इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया या फिर रसूखदारों के बीच में इंजेक्शन का बंदरबांट बात होने की वजह से इसकी जांच को आगे नहीं बढ़ाया जा रहा.

35 लोगों से हुई थी पूछताछ
इस मामले में हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक चौरसिया और सेंट्रल ड्रग स्टोर प्रभारी डॉ. संजीव जयंत को हटाया गया था. संजीव जयंत के साथ तीन कर्मचारी आरपी कैथल, तुलसीराम पाटनकर और अलकेंद्र दुबे को हटाया गया है. पूर्व अधीक्षक डॉ. चौरसिया समेत 35 कर्मचारियों से पूछताछ की गई है. लेकिन, पूछताछ में चोरी गए 800 से ज्यादा इंजेक्शन का सुराग नहीं लगा.

न इंजेक्शन, न आरोपी का सुराग
इन सभी लोगों को संदिग्ध भूमिका बताई जा रही थी. लेकिन, हैरत की बात है कि 1 महीने के बाद भी पुलिस की जांच अज्ञात आरोपी तक सीमित है. क्राइम ब्रांच अभी तक आरोपी का सुराग नहीं लगा पाई है. पुलिस सिर्फ स्टोर में आए इंजेक्शन के रिकॉर्ड का मिलान कर रही है. यह मिलान अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. बता दें, सेंट्रल ड्रग स्टोर से 863 इंजेक्शन चोरी होने पर 17 अप्रैल को FIR दर्ज हुई थी. जांच में इस बात का भी पता चला था कि जिस नंबर सीरीज के इंजेक्शन चोरी हुए थे, उसके छह इंजेक्शन दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कोविड पेशेंट को लग चुके हैं. दिल्ली के इंजेक्शनों की सीरीज का मिलान चोरी हुए इंजेक्शनों की सीरीज से हो गया है.

इंजेक्शन में एक घोटाला ये भी हुआ है
अभी पुलिस 800 से ज्यादा चोरी गए इंजेक्शन केस की जांच ही पूरी नहीं कर पाई थी कि हमीदिया अस्पताल का ये कांड हो गया. सेंट्रल ड्रग स्टोर से 10 अप्रैल से 16 अप्रैल तक कोविड सेंटर की डिमांड पर 548 इंजेक्शन भेजे.लेकिन, कोविड सेंटर के स्टोर से इंचार्ज को मरीजों के लिए 458 इंजेक्शन ही मिले. जबकि नर्सिंग स्टाफ ने रिकॉर्ड में स्टोर से 850 इंजेक्शन भेजे जाने की बात कही है. ऐसे में हमीदिया अस्पताल के सेंटर ड्रग स्टोर और डी ब्लॉग के कोविड सेंटर के बीच रेमडेसीविर इंजेक्शन की बड़ी गड़बड़ी सामने आई है.

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