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मप्रः एग्री बिजनेस अपनाकर नौकरी मांगने नहीं, देने वाले बनें : केन्द्रीय मंत्री तोमर

-केन्द्रीय कृषि मंत्री ने किया ग्वालियर में “सेंटर फॉर एग्री बिजनेस इनक्यूवेशन एवं एंटरप्रेन्योरशिप” का लोकार्पण
कहा- एग्री बिजनेस इनक्यूवेशन सेंटर की मदद से भारत का सुनहरा भविष्य गढ़ेंगे अंचल के युवा

ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के किसानों (Farmers of Gwalior-Chambal region) एवं कृषि आधारित स्टार्टअप शुरू करने के इच्छुक युवाओं को बड़ी सौगात मिली है। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (Minister Narendra Singh Tomar) ने रविवार को ग्वालियर में “सेंटर फॉर एग्री बिजनेस इनक्यूवेशन एवं एंटरप्रेन्योरशिप” (“Center for Agri Business Incubation and Entrepreneurship”) के लिए नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया।


इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस सेंटर की मदद से ग्वालियर-चंबल अंचल के नौजवान कृषि आधारित स्टार्टअप शुरू कर भारत का सुनहरा भविष्य गढ़ेंगे। नए-नए स्टार्टअप खड़े होने से आत्मनिर्भर भारत की नींव और मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का यह प्रयास है कि युवा नौकरी मांगने के बजाय एग्री बिजनेस से जुड़कर दूसरों को नौकरी देने वाले बनें। इसी उद्देश्य से इस प्रकार के सेंटर खोले जा रहे हैं।

नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) के सहयोग से सात करोड़ रुपये से अधिक लागत से ग्वालियर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय से जुड़े कृषि महाविद्यालय परिसर में “सेंटर फॉर एग्री बिजनेस इनक्यूवेशन एवं एंटरप्रेन्योरशिप” के लिए भवन का निर्माण किया गया है। आधुनिक तकनीक व सुविधाओं से सुसज्जित इस सेंटर को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य अगले चार वर्षों में 100 से अधिक स्टार्टअप खड़े करना है। साथ ही कृषि एवं उससे जुड़ीं विभिन्न प्रकार की 240 आर्थिक गतिविधियों के लिए क्षेत्रीय किसानों व युवा उद्यमियों को प्रशिक्षण तथा आर्थिक व तकनीकी मदद मिलेगी। इसके अलावा फसल उत्पादन, फसल सुरक्षा और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन से संबंधित 130 प्रकार की तकनीकें भी इस सेंटर के माध्यम से विकसित कर लोगों को जागरूक करने का भी काम होगा।

लोकार्पण कार्यक्रम में प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल भी वर्चुअल रूप से जुड़े। साथ ही नाबार्ड के अध्यक्ष डॉ. जीआर चिंतला, प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह भी कार्यक्रम में मौजूद थे।

केन्द्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर सरकार द्वारा एग्री बिजनेस स्टार्टअप, फूड प्रोसेसिंग व नवाचारों के लिए बड़े पैमाने पर आर्थिक मदद दी जा रही है। साथ ही एफपीओ (कृषक उत्पादक संगठन) और एग्री स्टार्टअप को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बोनी से लेकर उपज को बाजार में अच्छे दाम दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्धता के साथ किसानों की मदद में जुटी है।

उन्होंने बताया कि इस साल समर्थन मूल्य पर सरकार ने पिछले साल के मुकाबले दोगुनी खरीदी की है। गेहूँ व धान के साथ-साथ सरकार दलहन, तिलहन व अन्य मोटे अनाज भी समर्थन मूल्य पर खरीद रही है। उन्होंने आह्वान किया कि किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ सब्जी व फूलों की खेती भी करें, जिससे उनकी आय दोगुनी हो सके। सरकार ने कृषि अधोसंरचना के लिए एक लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। देश की आजादी के बाद पहली बार गाँवों के समीप खेती से संबंधित साधन उपलब्ध कराने के लिये डेढ़ लाख करोड़ रुपये की राशि की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई है।

नाबार्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. चिंतला ने कहा कि नई पीढ़ी कृषि क्षेत्र से बाहर न जाकर नई तकनीक और ऊर्जा के साथ कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाए। इसके लिए नाबार्ड द्वारा कारगर कदम उठाए गए हैं। कृषि उद्यम से जुड़ने के इच्छुक युवाओं व किसानों की समस्याओं के समाधान में नाबार्ड-एबिक अहम रोल अदा कर रहा है। देश भर में नाबार्ड द्वारा आधा दर्जन एबिक की स्थापना की जा चुकी है। इसी कड़ी में ग्वालियर में यह सातवां सेंटर स्थापित किया गया है। इस सेंटर के जरिए खेती एवं किसानों के स्टार्टअप, तकनीकी विकास, नेटवर्किंग, वित्तीय सहायता, व्यवसाय शुरू करने के लिये मार्गदर्शन, प्रशिक्षण, शोध और कानूनी पहलुओं के विषय में मदद मुहैया कराई जायेगी।

प्रदेश के कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि नाबार्ड और भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश के किसानों के लिये इस सेंटर के रूप में एक बड़ा उपहार मिला है। इस सेंटर के माध्यम से प्रदेश में प्रसंस्करण और एग्रीटेक से जुड़े स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की स्पष्ट नीति और मिशन है कि कृषि विविधीकरण के साथ प्रसंस्करण को भी बढ़ावा मिले।

राज्यमंत्री कुशवाह ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिये किसानों को खाद्य प्रसंस्करण से भी जुड़ना होगा। इस दिशा में ग्वालियर का यह सेंटर मील का पत्थर साबित होगा। मध्यप्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण की अपार संभावनाएं हैं। केन्द्र व राज्य सरकार खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए बड़ा आर्थिक अनुदान देती है।

राजमाता विजयाराजे सिंधिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसके राव ने कहा कि विश्वविद्यालय इस सेंटर की सफलता में महती भूमिका निभायेगा। कार्यक्रम में मप्र नाबार्ड के प्रबंधक निरूपम मेहरोत्रा व नाबार्ड के सीजेएम देवाशीष पाढ़ी ने भी संबोधित किया।

राज्य स्तरीय प्रदर्शनी एवं ईको फेस्ट का भी किया शुभारंभ

केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर सहित अन्य अतिथियों ने इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय प्रांगण में लगाई गई नाबार्ड की राज्य स्तरीय प्रदर्शनी “उमंग-2022” का उद्घाटन भी किया। दर्शनी में प्रदेशभर से एफपीओ एवं महिला स्व-सहायता समूहों ने कृषि और कृषि आधारित उत्पादों का प्रदर्शन किया गया है। अतिथियों ने प्रदर्शनी सेक्टर में लगे हर स्टॉल पर पहुँचकर उत्पाद देखे और उद्यमियों का उत्साहवर्धन किया।

इस अवसर पर महाविद्यालय परिसर में ईको फैक्ट्री फाउण्डेशी के सहयोग से आयोजित ईको फेस्ट का भी शुभारंभ किया गया। ईको फेस्ट के शुभारंभ अवसर पर केन्द्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि हमारी संस्कृति पूरकता का संदेश देती है। अर्थात धरती पर कुछ भी बेकार नहीं है। हर वस्तु का उपयोग है। यदि हम प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में सहयोगी रहते हैं तो सकारात्मक जीव और वनस्पतियाँ उपजती हैं।

कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए हुआ एमओयू

कृषि व्यवसाय केन्द्र द्वारा इको फैक्टरी फाउंडेशन के साथ कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिये केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की मौजूदगी में एक एमओयू भी साइन किया गया । इस अवसर पर कृषि व्यवसाय केन्द्र की वेबसाइट, ब्रोचर, न्यूज़ लेटर, स्टार्ट अप कॉम्प्लिआंस कैलेंडर, चम्बल एग्रो किसान उत्पादक कंपनी की सफलता की कहानी और डॉ. सुधीर सिंह भदौरिया द्वारा कृषि उद्यमिता विकास पर लिखित दो पुस्तकें भी विमोचित की गईं।

चलित रूरल मार्ट को दिखाई हरी झण्डी

“सेंटर फॉर एग्री बिजनेस इनक्यूवेशन एवं एंटरप्रेन्योरशिप” का लोकार्पण करने पहुंचे केन्द्रीय मंत्री तोमर ने नाबार्ड द्वारा किसानों एवं स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री और बाजार मुहैया कराने के लिये तैयार किए गए चलित रूरल मार्ट वाहन को भी हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। (एजेंसी, हि.स.)

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