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मप्रः जन-सहभागिता से होगा वनों का संरक्षण, सौर ऊर्जा पार्क की स्थापना को स्वीकृति

– मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद ने लिए राज्य के हित में कई अहम निर्णय

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक (council of ministers meeting) हुई, जिसमें प्रदेश के हित में कई अहम निर्णय लिये गए। मंत्रि-परिषद ने वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप वन प्रबंधन में समुदायों की भूमिका (Role of communities in forest management) को सशक्त करने के लिए मध्यप्रदेश शासन के पुनरीक्षित संकल्प का अनुमोदन किया। इससे अनुरूप वनों के संरक्षण एवं विकास में जन-सहयोग प्राप्त हो सकेगा। वहीं, सौर ऊर्जा पार्क की स्थापना (Setting up of Solar Power Park) को स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में वित्त विधेयक 2022 और तृतीय अनुपूरक अनुमान (बजट) प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया।


गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रि-परिषद ने वन संबंधित मध्यप्रदेश शासन के संकल्प, 2021 में पिछले दो दशकों में नीतिगत, वैधानिक एवं कार्यकारी वातावरण में आये परिवर्तनों को समाहित कर पुनरीक्षित संकल्प, 2021 का अनुमोदन किया। इस पुनरीक्षित संकल्प के अनुसार तीन प्रकार की समितियों के स्थान पर अब एक समिति ही गठित की जायेगी, जिसे सामुदायिक वन प्रबंधन समिति कहा जायेगा। प्रत्येक वन समिति के सदस्यों में से एक तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। ग्राम पंचायत का सरपंच कार्यकारणी का पदेन सदस्य होगा। कार्यकारणी के अध्यक्ष के पद पर पुरुष का चयन होने पर उपाध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित रहेगा। समिति के गठन एवं संचालन में सामुदायिक सशक्तिकरण तथा संस्थागत जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कार्यकारिणी को गठित करने एवं समुदाय की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य न करने पर पुनर्गठित करने का अधिकार ग्राम सभा को सौंपा गया है। समितियों के लेखाओं का ऑडिट करने का प्रावधान किया गया है।

सौर ऊर्जा पार्क की स्थापना
उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार की सौर ऊर्जा पार्क योजना में अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क्स मोड में स्वीकृत ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर पार्क 600 मेगावाट और छतरपुर सौर ऊर्जा पार्क 950 मेगावाट को विकसित किये जाने की स्वीकृति दी। इन पार्क के विकास के लिये RUMSL सौर पार्क परियोजना विकासक होगा। सौर परियोजनाओं से उत्पादित विद्युत का क्रय म.प्र. पावर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (MPPMCL) द्वारा राज्य की सौर RPO की आपूर्ति और राज्य के उपयोग के लिये किया जाएगा। शेष विद्युत का क्रय अन्य सार्वजनिक संस्थाओं द्वारा राज्य में या राज्य के बाहर उपयोग के लिये किया जाएगा।

ओंकारेश्वर जलाशय पर प्रस्तावित 600 मेगावाट क्षमता की विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर परियोजना है। यह परियोजना एक बहुउद्देशीय परियोजना के रूप में विकसित की जायेगी, जिसमें पर्यटन, कृषि और उद्योग हेतु उपयोगी भूमि संरक्षण, जल संरक्षण आदि उद्देश्यों की भी पूर्ति भी संभव होगी। उपरोक्त परियोजनाएँ प्रदेश को सस्ती पर्यावरण मित्र बिजली के साथ नवकरणीय ऊर्जा आबंध की पूर्ति में भी सहायक सिद्ध होगी।

दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना का विस्तार
मंत्रि-परिषद द्वारा दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना के विस्तार और वहाँ के निवासियों को आसानी से इंटरनेट कलेक्टिविटी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2019 में जारी नीति एवं दिशा-निर्देश में संशोधन करने का निर्णय लिया है। संशोधन के अनुसार दूरसंचार सेवा प्रदाता द्वारा अवसंरचना स्थापित करने के लिए निष्प्रभ क्षेत्र में वन क्षेत्र के अंतर्गत उपयुक्त स्थान का चयन कर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को अवगत कराया जायेगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की और से जिला कलेक्टर उस स्थल पर दूरसंचार अवसंरचना स्थापित करने के उपयोग के लिए वन विभाग को आवेदन प्रस्तुत कर उपयोग का अधिकार प्राप्त करेगा। कलेक्टर द्वारा उपयोग के अधिकार एवं कब्जा प्राप्त हो जाने के बाद संबंधित दूरसंचार सेवा प्रदाता को अनुज्ञप्ति जारी की जायेगी।

वर्तमान में मध्यप्रदेश में दूरसंचार सेवा प्रदाता/इंटरनेट सेवा प्रदाता/अवसंरचना प्रदाय कम्पनियों द्वारा वायर लाइन या वायरलेस आधारित वाइस या डाटा पहुँच सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए अवसंरचना की स्थापना हेतु नीति एवं दिशा-निर्देश 23 फरवरी 2019 से लागू है। यहां कई दुर्गम क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना स्थापित न होने के कारण मोबाइल डाटा कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं है। शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रवेश परीक्षाएँ, ऑनलाइन कक्षाएँ, नागरिक सेवाएँ आदि गतिविधियों के लिए इंटरनेट एवं मोबाइल कनेक्टिविटी अनिवार्य है। ऐसे लगभग 1635 गाँव हैं। इनमें से कई ग्राम वनांचलों में स्थित है। इस निर्णय से दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना का विस्तार होगा एवं नागरिकों को शासन की विभिन्न सेवाओं का लाभ सुविधाजनक स्थान पर प्राप्त हो सकेगा।

पदों की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद ने पिछड़ा वर्ग के कन्या और बालक नव निर्मित छात्रावासों के लिए इन्दौर, जबलपुर, आगरमालवा, शाजापुर और दमोह में 50 पद निर्मित करने की स्वीकृति प्रदान की। स्वीकृत पदों में 2 अधीक्षक (व्याख्याता स्तर), 6 सहायक अधीक्षक (यू.डी.टी. स्तर), 4 कम्प्यूटर ऑपरेटर, 8 चौकीदार, 10 रसोईया, 10 पानी वाला और 10 स्वीपर के पद शामिल हैं।

पदों की निरंतरता
मंत्रि-परिषद द्वारा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग की संस्थाओं के 1401 पदों में से चतुर्थ श्रेणी के डाइंग कैडर के रिक्त 38 पदों को समाप्त कर कुल 1363 अस्थाई पर्दो की निरन्तरता 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक करने की स्वीकृति प्रदान की गई।

संविलियन
मंत्रि-परिषद द्वारा राजधानी परियोजना प्रशासन का विघटन कर लोक निर्माण विभाग, वन विभाग और अन्य विभागों में संविलियन करने की अनुमति दी गई।

अन्य निर्णय
मंत्रि-परिषद द्वारा परिवहन विभाग जिला ग्वालियर स्थित ग्वालियर बस डिपो, परिवहन विभाग की तराना जिला उज्जैन स्थित बस डिपो और राजस्व विभाग की मिड टाउन कॉलोनी के पीछ रतलाम स्थित भूमि परिसम्पत्ति के निर्वर्तन हेतु H-1 निविदाकार द्वारा निविदा राशि का 100% जमा करने के उपरांत अनुबंध/रजिस्ट्री की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा की जाने का निर्णय लिया गया। (एजेंसी, हि.स.)

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