ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर अंचल (Gwalior Zone) में हुई बेमौसम बारिश से खेतों में खड़ी फसलों को भारी नुकसान (heavy damage to standing crops) हुआ है। ज्वार, बाजरा, तिल, धान, आलू और मक्का की फसलें पूरी तरह से चौपट हो गई हैं। लेकिन प्रशासन (Administration) की ओर से बर्बाद फसलों का अब तक सर्वे नहीं किया गया है, जिसके चलते भितरवार, डबरा और मुरार ग्रामीण के आक्रोशित किसानों (angry farmers) के साथ कांग्रेस ने कलेक्ट्रेट (collectorate) पर जंगी प्रदर्शन कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
किसानों के प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे कांग्रेस के पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव ने कड़े शब्दों में जिला प्रशासन को तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी। साथ ही कहा कि अगर तीन दिन के अंदर बर्बाद फसलों का ईमानदारी से सर्वे नहीं हुआ तो शहर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घुसने नहीं देंगे और कलेक्टर को भी कुर्सी पर नहीं बैठने देंगे।
वहीं कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव ने सीएम शिवराज सिंह चौहान पर वादाखिलाफी के आरोप लगाते हुए कहा कि भितरवार क्षेत्र के किसानों पर डेढ़ साल में तीन बार प्राकृतिक आपदा आ चुकी है। मौके पर सीएम भी पहुंचे थे, लेकिन डायलॉग देकर लौट गए। किसानों के प्रदर्शन पर ग्वालियर कलेक्टर को शायद विक्रम सिंह का कहना था कि पूर्व आपदाओं में मुआवजा दिया गया था और हाल ही में बेमौसम बारिश से हुई फसलों के नुकसान के लिए सर्वे कराकर मुआवजा दिया जाएगा।
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