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MP: रीती पाठक और प्रह्लाद पटेल समेत ये 7 सांसद इस बार चुनाव मैदान में

भोपाल (Bhopal)। 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा (230 member Madhya Pradesh Assembly) के लिए आज मतदान हो रहाहै। कुल 5.6 करोड़ मतदाता (5.6 crore voters) चुनाव में उतरे 2534 उम्मीदवारों के भाग का फैसला (Decision on the portion of 2534 candidates) करेंगे। इससे पहले राज्य की सत्ताधारी पार्टी ने अपने सात सांसदों को टिकट दिया था। लिहाजा लोगों की नजर में उन सातों सीटों पर भी है जहां सांसद चुनाव मैदान में हैं।

ऐसे में आज हम आपको बता रहे हैं मध्य प्रदेश की सात चर्चित सीटों के बारे में जहां सांसद चुनाव लड़ रहे हैं। इन सीटों पर सांसदों के सामने कौन हैं? यहां पिछले तीन चुनाव में क्या नतीजे रहे हैं? आइये जनते हैं सब कुछ…


नरेंद्र सिंह तोमर : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 39 उम्मीदवारों की दूसरी सूची की घोषणा 25 सितंबर को की थी। भाजपा की दूसरी सूची में तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को टिकट दिया गया था। इसमें मुरैना लोकसभा सीट से सांसद और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का भी नाम था। भाजपा ने मुरैना जिले की दिमनी सीट से नरेंद्र सिंह तोमर को उतारा है। वहीं विपक्षी दल कांग्रेस ने रवीन्द्र सिंह तोमर को अपना उम्मीदवार बनाया है।

2008 में यहां से शिव मंगल सिंह तोमर को भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर महज 256 वोटों से जीत मिली थी। 2013 में बलवीर सिंह दंडोतिया ने बहुजन समाज पार्टी को 2,106 वोटों से जीत दिलाई थी। पिछले चुनाव में 18,477 वोटों के अंतर से कांग्रेस के गिर्राज दंडोतिया को जीत मिली थी।

फग्गन सिंह कुलस्ते : निवास सीट से आदिवासी नेता और केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने यहां चैन सिंह वरकड़े को टिकट दिया है। 2008 में निवास सीट से फग्गन सिंह कुलस्ते के भाई रामप्यारे कुलस्ते जीते थे। रामप्यारे ने भारतीय जनता पार्टी को 3,649 वोटों से जीत दिलाई थी। अगले चुनाव में एक बार फिर रामप्यारे जीते और जीत का अंतर 10,910 वोटों का था। वहीं 2018 में डॉ. अशोक मर्सकोले ने कांग्रेस को 28,315 वोटों से जीत दिलाई थी।

रीति पाठक : सीधी विधानसभा सीट से मौजूदा सांसद रीति पाठक को टिकट दिया गया है जिनके सामने कांग्रेस से ज्ञान सिंह होंगे। सीधी सीट से विधायक पंडित केदारनाथ शुक्ला का टिकट काटकर भाजपा ने रीति पाठक को अपना उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि पेशाब कांड के कारण सीधी जिला पिछले दिनों खूब चर्चा में रहा। लगभग एक साल पहले एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। जिसमें सीधी जिले के कुंवारी के रहने वाले दशमत रावत के ऊपर मौजूदा विधायक केदारनाथ शुक्ल के पूर्व प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ल ने नशे की हालत में पेशाब किया था। इसके बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की और तत्काल NSA लगाकर प्रवेश शुक्ल के घर को भी जमींदोज कर दिया था। उसी के बाद विधानसभा चुनाव में विधायक का टिकट भी कट गया। यहां बीते तीन चुनावों में भाजपा को केदारनाथ शुक्ला ने जीत दिलाई थी। 2008, 2013 और 2018 में केदारनाथ की जीत का अंतर क्रमशः 26,822, 2,360 और 19,986 वोटों का था।

राकेश सिंह : जबलपुर पश्चिम संस्कारधानी जबलपुर की चर्चित सीटों में शामिल है। भाजपा ने यहां जबलपुर सीट से मौजूदा लोकसभा सांसद राकेश सिंह को विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस ने पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट को मौका दिया है। 2008 में यहां से भाजपा के हरेन्द्र जीत सिंह ‘बब्बू’ 8,901 वोटों से चुनाव जीते थे। अगले दोनों चुनावों में कांग्रेस के तरुण भनोट ने पार्टी को जीत दिलाई। उन्हें क्रमशः 923 और 18,683 वोटों से जीत मिली थी।

प्रह्लाद सिंह पटेल : नरसिंहपुर सीट से मौजूदा विधायक जालम सिंह पटेल हैं जो केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल के भाई हैं। अबकी बार भाजपा ने जालम की टिकट काटकर उनके भाई और दमोह लोकसभा क्षेत्र के सांसद प्रह्लाद पटेल को उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस ने लाखन सिंह पटेल को टिकट दिया है। यहां बीते चुनावों के नतीजों पर नजर डालें तो, 2008 के चुनाव में सुनील जयसवाल ने कांग्रेस को 8,199 वोटों से जीत दिलाई थी। इसके बाद 2013 में जालम ने 48,481 वोटों से भाजपा को विजय दिलाई थी। वहीं पिछले चुनाव में एक बार फिर जलम पटेल को जीत मिली और जीत का अंतर 14,903 वोटों का था।

गणेश सिंह : विंध्य इलाके में आने वाली सतना शहरी सीट भी प्रदेश की चर्चित सीटों में शामिल है। भाजपा ने सतना लोकसभा सीट से सांसद गणेश सिंह को यहां अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, कांग्रेस ने मौजूदा विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को टिकट थमाया है। सतना शहरी सीट के पिछले समीकरण को देखें तो 2008 और 2013 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को जीत मिली। 2008 में पार्टी के टिकट पर उतरे शंकर लाल तिवारी को 10,800 वोटों के अंतर से जीत मिली थी जबकि अगले चुनाव में वह 15,332 वोटों से विजयी हुए। हालांकि, 2018 के चुनाव में भाजपा को हराकर कांग्रेस ने वापसी की। इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार ने 12,558 वोटों से सफलता हासिल की।

उदय प्रताप सिंह : नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा सीट से भाजपा ने उदय प्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाया है। उदय प्रताप वर्तमान में नर्मदापुरम लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। इस बार विधानसभा चुनाव के लिए उतरे सांसद का मुकाबला कांग्रेस की सुनीता पटेल से है। यहां के पिछले तीन में से दो चुनावों में कांग्रेस को सफलता मिली है जबकि एक बार भाजपा ने जीत दर्ज की है। 2008 में साधना स्थापक ने कांग्रेस के टिकट पर 6,103 वोटों से जीत दर्ज की थी। अगले चुनाव में गोविंद सिंह पटेल ने भारतीय जनता पार्टी को 25,313 वोटों से चुनाव जिताया। वहीं 2018 में कांग्रेस की ओर से सुनीता पटेल ने 15,363 वोटों के अंतर् से जीत सुनिश्चित की।

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