मध्‍यप्रदेश

MP: ये है नए तरीके का उपवास, जानिए डिजिटल फास्टिंग के बारें में

रायसेन: मध्यप्रदेश के रायसेन जिले (Raisen district of Madhya Pradesh) के बेगमगंज में इंटरनेट की लत छुड़ाने के लिए पर्युषण पर्व (paryushan festival) के दौरान जैन समाज के बच्चे और बड़े लगभग 1000 लोग इंटरनेट मुक्त ”उपवास” कर रहे हैं. यानी कि वह उपवास जो कोई लत छुड़वाने के लिए रखा गया है. पर्युषण पर्व के चलते जैन धर्म (Jainism) के में उपवास चल रहे है. इस उपवास को डिजिटल फास्टिंग नाम दिया हैं. यह आदत इतनी आसानी से नहीं जाती.

इस आदत पर काबू पाने के लिए धीरे-धीरे इसकी लत को छोड़ना होगा, और अपने-अपने मोबाइल फोन मंदिर में 24 घंटे की लिए बन्द करके छोड़ना हैं. आजकल बच्चे-युवा-महिलाएं मोबाइल पर दिन भर ऑनलाइन ही रहते हैं. इस उपवास की नगर में चर्चा भी हो रही है कुछ लोग बोल रहे हैं कि अब हम भी महीने में एक बार ई-उपवास करेंगे.


डिजिटल होते इस योग में ज्यादातर लोग सोशल मीडिया, ऑनलाइन गेमिंग और पॉर्नोग्राफी की लत रहती हैं. इसलिए यह पहल की हैं. ज्यादातर जैन समाज के युवाओं ने और व्यापारियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. जैन धर्म के अनुसार पर्युषण या दसलक्षण पर्व आत्‍मा की शुद्धि का पर्व होता है.

भगवान महावीर के अनुयायी दिगंबर जैन समाज के लोग इस दौरान कठिन व्रत रखते हैं और ज्‍यादा से ज्‍यादा समय 24 तीर्थंकरों (भगवान) की पूजा-आराधना में लगाते हैं. कुछ लोग केवल पानी या दूध लेकर 10 दिन उपवास करते हैं. वहीं कुछ लोग दिन में एक बार भोजन करके दसलक्षण पर्व के व्रत करते हैं. इस दौरान बेहद शुद्ध और सात्विक भोजन ही लिया जाता है. इन व्रत में जमीन में अंदर पैदा होने वाली चीजें और बाहर के खाद्य पदार्थ नहीं लिए जाते हैं.

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