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एमपी का झगड़ा रायबरेली-अमेठी में बिगाड़ सकता है कांग्रेस का गणित, सोनिया-राहुल को हो सकती है मुश्किल

नई दिल्ली। केंद्र में नरेंद्र मोदी (Naredra Modi) के विजयी रथ को रोकने के लिए 28 विपक्षी दलों ने मिलकर कुछ महीने पहले I.N.D.I.A गठबंधन बनाया. पर पांच राज्यों में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही इस गठबंधन में बड़ी दरार आने लगी है. यह दरार इतनी बड़ी होती जा रही है कि गठबंधन की अगुवाई करने वाली कांग्रेस के दो बड़े नेताओं की सीट पर ही सवाल उठने लगे हैं.

वैसे तो 2024 के लोकसभा चुनाव में अभी काफी वक्त है, लेकिन मध्य प्रदेश (MP) में कांग्रेस (Congress) और सपा (SP) के बीच हुई तकरार के बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सीटों को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. सबसे पहला सवाल ये है कि क्या 2024 में सोनिया गांधी लोकसभा की सदस्य चुनी जाएंगी? अगर हां, तो वह रायबरेली से लड़ेंगी या किसी और सीट से किस्मत आजमाएंगी? दूसरा सवाल ये कि क्या राहुल गांधी अगला लोकसभा चुनाव अमेठी से लड़ेंगे या फिर फिर लौटकर वायनाड चले जाएंगे?


फंस सकती है सोनिया गांधी की सीट

मध्य प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर शुरु हुई खींचतान का असर अब अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है. माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश में सीटों को लेकर अखिलेश यादव और कमलनाथ के बीच, जिस तरह की तनातनी देखी गई, वो लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी की भी सीट फंसा सकती है. दरअसल, अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने इसके संकेत दिए हैं. उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस की महत्वपूर्ण सीटों को लेकर किए सवाल पर ऐसा कहा. बता दें कि सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद हैं और इस सीट पर सपा ने पिछली बार अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था.

अखिलेश यादव ने क्यों कहा ऐसा?

अखिलेश यादव ने कांग्रेस की बड़ी सीट पर प्रत्याशी उतारने की बात कांग्रेस के यूपी प्रमुख अजय राय के उस बयान के बाद दिया है, जिसमें उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को आजमगढ़ उप-चुनाव में मिली हार की याद दिलाई थी. अखिलेश यादव ने इस बयान के बाद ही यह बयान दिया है. अखिलेश यादव ने एक्स पर मार्च में दो तस्वीरों के साथ एक पोस्ट शेयर किया था और लिखा, “अमेठी में गरीब महिलाओं की दुर्दशा देखकर मुझे बहुत दुख हुआ. यहां वीआईपी हमेशा जीतते और हारते रहे हैं, फिर भी यहां हालत ऐसी है तो राज्य के बाकी हिस्सों के बारे में क्या कहा जाए. अगली बार अमेठी बड़े लोगों को नहीं बल्कि बड़े दिल वाले लोगों को चुनेगी. सपा अमेठी से गरीबी मिटाने का संकल्प लेती है.” इस पोस्ट से कयास लगाए जा रहे हैं कि अखिलेश यादव यहां लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार उतार सकते हैं. अभी तक सपा यह सीट राहुल गांधी के लिए छोड़ती थी.

अमेठी को लेकर इसलिए भी उठ रहे सवाल

2019 में हुए लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को अपनी पुरानी सीट अमेठी से हार का सामना करना पड़ा था. उन्हें बीजेपी की स्मृति इरानी ने शिकस्त दी थी. पर कांग्रेस के यूपी प्रमुख अजय राय ने हाल ही में कहा था कि राहुल गांधी 2024 का लोकसभा चुनाव फिर से अमेठी से लड़ेंगे. अगर राहुल यहां से चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें सीट जीतने के लिए सपा का समर्थन चाहिए होगा. बिना सपा के समर्थन के सीट निकालना मुश्किल होगा. पर जिस तरह की टकराहट अभी सपा और कांग्रेस के बीच चल रही है, उससे यह सीट फंसती दिख रही है और अखिलेश यादव यहां से अपने उम्मीदवार को उतार सकते हैं.

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