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मुकुल आर्य का निधन, फिलिस्तीन में थे भारतीय राजदूत

रामल्लाह । फलस्तीन (Palestine) के रामल्ला (Ramallah) में भारत के प्रतिनिधि मुकुल आर्य (Mukul Arya) का निधन हो गया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ये जानकारी दी. वहीं फलस्तीन के शीर्ष नेतृत्व ने आर्य के निधन पर शोक जताया. फलस्तीन के विदेश मंत्री डॉ. रियाद अल-मलिकी ने आर्य के निधन पर अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के समक्ष शोक व्यक्त किया और शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदना जताई.

साल 2008 बैच के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी आर्य काबुल और मॉस्को के भारतीय दूतावास में भी तैनात रहे थे. वो पेरिस में यूनेस्को के लिए भारत के स्थाई प्रतिनिधिमंडल में भी सेवाएं दे चुके थे. मुकुल आर्य ने काबुल, मॉस्को में भारतीय दूतावासों के साथ-साथ दिल्ली में विदेश मंत्रालय के मुख्यालय में भी काम किया था. 2008 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अफसर आर्य भारतीय विदेश सेवा जॉइन करने से पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में अर्थशास्त्र की पढ़ाई की थी.

विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि रामल्ला में भारत के प्रतिनिधि मुकुल आर्य के निधन के बारे में जानकर स्तब्ध हूं. उन्होंने कहा कि वो प्रतिभावान अधिकारी थे. उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं. ओम शांति.

फलस्तीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आर्य के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए भारत ले जाने के संबंध में इंतजाम के वास्ते वो विदेश मंत्रालय से संपर्क में है. आर्य के निधन के कारणों के बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं मिल सकी है. साल 2008 बैच के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी आर्य काबुल और मॉस्को के भारतीय दूतावास में भी तैनात रहे थे. वो पेरिस में यूनेस्को के लिए भारत के स्थाई प्रतिनिधिमंडल में भी सेवाएं दे चुके थे. आर्य ने नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के मुख्यालय में भी काम किया था.



इसी साल जनवरी महीने में फलस्तीन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भारत के प्रतिनिधि कार्यालय की ओर से वेस्ट बैंक पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के तहत आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि भारत प्रेरणा का स्रोत है और वैश्विक स्तर पर अग्रणी दर्जा हासिल करते हुए फलस्तीनियों के लिये बेजोड़ उदाहरण पेश करता है. फलस्तीन में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ की कड़ी में ROI ने विभिन्न हिस्सों में 10-15 जनवरी के बीच कई कार्यक्रमों का आयोजन किया था.

इनमें हिंदी दिवस, राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाई जाने वाली स्वामी विवेकानंद की जयंती और मकर संक्रांति से जुड़े कार्यक्रम शामिल हैं. ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ के मौके पर कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में और स्थानीय युवाओं के लिए सामाजिक संपर्क के ढांचे के तहत फलस्तीन में भारत के प्रतिनिधि मुकुल आर्य ने 13 जनवरी को बेतुनिया बेसिक ब्वॉयज स्कूल का दौरा किया था.

 

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