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किताबों से हेडगेवार पर लिखा चैप्टर हटाने जा रही कर्नाटक सरकार, भाजपा-कांग्रेस में छिड़ा वाकयुद्ध

बेंगलुरु (Bangalore) । कर्नाटक (Karnataka) में भाजपा (BJP) के सत्ता में रहने के दौरान स्कूल की पाठ्यपुस्तकों (school textbooks) में किए गए सभी बदलावों को वापस लिया जा सकता है। इस संबंध में कर्नाटक सरकार के एक प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस (Congress) और भाजपा के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है। हालांकि राज्य सरकार द्वारा कोई विवरण साझा नहीं किया गया है, लेकिन रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि प्रस्ताव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार पर लिखा अध्याय हटाया जा सकता है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति को रद्द करने का किया था वादा
कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री मधु बंगरप्पा ने बृहस्पतिवार को कहा कि विद्यार्थियों के हित में इसी साल ही स्कूली पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह मामला शीघ्र ही मंत्रिमंडल के सामने उसकी मंजूरी के लिए रखा जाएगा। कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में भाजपा के सत्ता में रहने के दौरान स्कूली पाठ्यपुस्तकों में किये गये बदलावों को तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति को रद्द करने का वादा किया था।

बंगरप्पा ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री व्यक्तिगत रूप से इसमें दिलचस्पी ले रहे हैं। हमारे चुनाव घोषणापत्र, जिसका मैं अध्यक्ष था, में इस बात स्पष्ट रूप से उल्लेख भी है कि हम विद्यार्थियों के हित में पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा करेंगे। जिस तरह हम गारंटियों को लागू कर रहे हैं, उसी तरह अपने विभाग में हम उसे पूरा करेंगे जिसका हमने वादा किया था।’’


पहले भी मांग कर चुकी थी कांग्रेस
बता दें कि पिछली भाजपा सरकार के दौरान पाठ्यपुस्तकों को लेकर विवाद हो गया था। तब विपक्षी कांग्रेस और कुछ लेखकों ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के भाषण को अध्याय के रूप में शामिल कर तथा स्वतंत्रता सेनानियों, समाज सुधारकों संबंधी अध्यायों को हटाकर पाठ्यपुस्तकों का कथित रूप से भगवाकरण करने का आरोप लगाया था। साथ ही पाठ्यपुस्तक समीक्षा समिति के तत्कालीन प्रमुख रोहित चक्रतीर्थ को बर्खास्त करने की भी मांग की थी।

मंत्री ने कहा कि “पाठ के माध्यम से बच्चों के दिमाग को प्रदूषित करने” के कार्य को क्षमा नहीं किया जा सकता है। सीएम सिद्धारमैया ने हाल ही में कहा था, “जैसा कि शैक्षणिक वर्ष शुरू हो गया है, हम चर्चा करेंगे और कार्रवाई करेंगे ताकि बच्चों की शिक्षा बाधित न हो।” इस बीच, कांग्रेस एमएलसी बीके हरि प्रसाद ने दावा किया कि हेडगेवार एक “कायर” और “नकली स्वतंत्रता सेनानी” थे। बीजेपी ने पार्टी से माफी की मांग की है।

कांग्रेस दिखा रही असहिष्णुता: भाजपा महासचिव
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि ने हेडगेवार पर अध्याय हटाने की राज्य की योजना को ‘असहिष्णुता’ करार दिया। रवि ने कहा, “उन्होंने (कांग्रेस) ही असहिष्णुता शब्द का इस्तेमाल किया था, अब इससे पता चलता है कि वे देशभक्त के खिलाफ कितने असहिष्णु हैं। उन्हें वैचारिक रूप से विरोध करने का अधिकार है, लेकिन उन्हें हेडगेवार की देशभक्ति पर सवाल उठाने का नैतिक अधिकार नहीं है। मार्क्स और माओ पर पाठ इस देश से नहीं हैं और लोकतंत्र के खिलाफ हैं। लेकिन वे पाठ्यपुस्तक में हो सकते हैं, लेकिन हेडगेवार जैसे देशभक्तों पर पाठ नहीं हो सकता। यह असहिष्णुता है, देखते हैं कि वे क्या करते हैं और हमारी पार्टी तय करेगी कि क्या करना है।”

इतिहास को देखने का कांग्रेस का ‘नजरिया’ नेहरू-गांधी परिवार तक सीमित: चंद्रशेखर
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने स्कूली पाठ्यपुस्तकों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार पर पाठ हटाने संबंधी खबरों को लेकर शुक्रवार को कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इतिहास पर पार्टी के विचार नेहरू-गांधी परिवार तक सीमित हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने इस कथित कदम को ध्यान आकर्षित करने का कांग्रेस ‘हथकंडा’ करार दिया और आरोप लगाया कि ‘परिवार’ का हिस्सा ना होने वाले लोगों के नाम हटाने के लिए देश के इतिहास को फिर से लिखने का कांग्रेस का एक लंबा इतिहास रहा है।

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