इंदौर न्यूज़ (Indore News) मध्‍यप्रदेश

निगमायुक्त ने पकड़ी नगर तथा ग्राम निवेश की अनियमितताएं, खेती की जमीनों पर स्वयं के आवासों के साथ उद्यान पर पेट्रोल पंप


•8 प्रकरणों का हवाला देकर लिखा पत्र और कहा परीक्षण कर कार्यवाही करें

इंदौर।  ( राजेश ज्वेल ) ऑपरेशन बायपास (Operation Bypass) के साथ निगम आयुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल ने अब अवैध निर्माणों (Illegal Construction) के खिलाफ भी मोर्चा खोला है और कार्रवाई शुरू करवा दी. 650 बायपास के अवैध निर्माणों को चिन्हित करने के बाद , 22 उन बिल्डिंगों को भी निगम ने नोटिस (Notice) थमाए है, जिन्होंने कंप्लीशन और ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (Completion and Occupancy Certificate) नहीं लिए और मौक़े पर रहवास (Residential)या व्यवसायिक (Commercial) गतिविधियां शुरू कर दी है।

अब निगमायुक्त ने एक और कदम उठाते हुए नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा मंजूर कई अभिन्यासों में अनियमितताएं (Irregularities) पकड़ी है। ऐसे 8 मंजूर अभिन्यासों के उदाहरण देते हुए आयुक्त ने नगर तथा ग्राम निवेश को पत्र लिखा है कि इन अभिन्यासों की जांच करें .ये अभिन्यास गाडरा खेड़ी , भिचोली मर्दाना, कनाडिया , भिचोली हप्सी , निहालपुर मुंडी और खजराना क्षेत्र में स्वयं के आवासों से लेकर बहुमंजिला इमारतों ,नर्सिंग होम(Nursing home) ,पेट्रोल पंप (Petrol Pump) और अन्य उपयोग के लिए मंजूर किए गए हैं। इसमें गाडराखेड़ी के मंजूर अभिन्यास में मल्टी के आरक्षित क्षेत्रफल में संशोधन के बाद उद्यान के स्थान पर पेट्रोल पंप का भूखंड मंजूर किया गया . इसी तरह भिचोली मर्दाना में दर्पण आनंद को स्वयं के आवास की अनुमति दी गई है। जबकि कलेक्टर इसके आसपास की कॉलोनियों , जिनमें प्रगति विहार भी शामिल है , को पूर्व में अवैध घोषित कर चुके हैं , ऐसी कालोनियां (Colonies) भिचोली मर्दाना के साथ बिचोली हप्सी में भी है। इसके साथ ही कनाडिया में भी मंजूर अभिन्यास के अलावा निहालपुर मुंडी में अवैध सप्तश्रृंगी नगर के आसपास भी अभिन्यास मंजूर किए गए तो न्याय विभाग कर्मचारी गृह निर्माण की जमीन श्रीराम बिल्डर (Shriram Builder) के पास गई और उसमें भी अभिन्यास मंजूर हुए हैं . हालांकि भवन अनुज्ञा की अनुमति नगर निगम ने ही दी थी जिसे पिछले दिनों निगमायुक्त ने रिवोक किया है। इसी तरह खजराना में एक नर्सिंग होम को भी अनुमति दी गई जो एसआरजे बिल्डवेल के राजेश जैन का है और उसकी एप्रोच रोड को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है कि यह रोड मास्टर प्लान की है अथवा वैध कालोनी की। इस तरह की तमाम विसंगतियों के उदाहरण देकर निगमायुक्त ने संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश से कहा है कि वह इन अभिन्यासों की जांच करवाएं और आगे से मंजूर किए जाने वाले अभिन्यासों में इस तरह की विसंगतियां रोके हालांकि इस बारे में पूछने पर संयुक्त संचालक एस के मुदगल ने कहा कि अभी उन्होंने निगम आयुक्त का पत्र देखा नहीं है और संबंधित प्रकरणों की फाइलें देख कर ही वस्तुस्थिति बता सकेंगे। वैसे श्री मुदगल के मुताबिक नियमों के तहत ही अभिन्यास मंजूर किए जाते हैं और पूर्व में भी कई अभिन्यासों को निरस्त भी किया गया जिनमें तथ्यों को छुपाकर मंजूरी ली गई।


इस बारे में कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish singh) का भी स्पष्ट कहना है कि एक तरफ जहां गृह निर्माण संस्थाओं के घोटालों की जांच जारी है। वहीं अवैध कॉलोनाइजेशन (Colonisation) को भी सख्ती से रोका जाना जरूरी है अन्यथा अनियोजित विकास के चलते भविष्य में जनता को परेशानी उठाना पड़ेगी, सड़क(Road), बिजली (Electricity) पानी ड्रेनेज (Water Drainage) से लेकर अन्य मूलभूत सुविधाएं विसंगतिपूर्ण मंजूर अभिन्यासों और फिर उसके आधार पर हुए निर्माणों के चलते विकसित नहीं हो पाती है और फिर बाद में शासन-प्रशासन , निगम को इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

 

 

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