नागदा। नागदा की धरती पर पहली बार पहुंचे कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले नागदावासियों को हिंदू नववर्ष पर रामनाम का अलख जगाने का संकल्प दिला गए। उन्होंने कहा कि आप सभी यह संकल्प लें कि एक-एक सनातनी के घर जाएंगे और राम-नाम का अलख जगाएंगे। इससे पहले उन्होंने अंधकासुर कथा का वाचन किया। पं. मिश्रा बोले शिव महापुराणा की कथा और हमारे शास्त्र कहते हैं कि आपकी मृत्यु निश्चित है, लेकिन अंतर इतना है कि अगर आपने राम नाम ले लिया और जो बद्रीनाथ पहुंच गया। वह बिल्ली के बच्चों की तरह सात घर पहुंच जाएगा और जो नहीं गया वह चूहों की तरह मसला जाएगा। उन्होंने लोगों से यह भी अनुरोध किया कि अपने सिर को नारियल बनाकर हर कहीं मत उढ़ेलिए क्योंकि श्रीफल धर्म की जगह पर ही फोड़ा जाता है। उन्होंने मंच पर विराजित संतों को महादेव का रुप बताया।
कथा प्रसंग के बाद सवा लाख दीपकों से महाआरती की गई। ग्रेसिम खेल परिसर में शिव कथा का प्रसंग शुरू होने से पहले शहर में निकली भव्य रथ यात्रा में पं. मिश्रा आधे रास्ते से शामिल हुए। शाम करीब 6.30 बजे वे एप्रोच रोड से रथ यात्रा में शामिल हुए। यहां से विभिन्न मंचों से फूल बरसाकर उनका स्वागत किया। रात 8 बजे वे व्यासपीठ पर आसीन हुए। यहीं पर बने मंच पर समस्त संतगण व सांसद अनिल फिरोजिया मंचासीन थे। पहले सांसद व संत का उद्बोबधन हुआ। इसके बाद कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत ने ऑडियो क्लीपिंग के माध्यम से संबोधित किया। हिंद सांस्कृतिक मंच के तत्वावधान में यह कार्यक्रम हुआ। इससे पहले निकली रथ यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। मंच संयोजक व पूर्व विधायक दिलीपसिंह शेखावत, अध्यक्ष दिनेश अग्रवाल सहित पदाधिकारी पूरे समय रथ यात्रा में रहें। शाम 5 बजे दशहरा मैदान से शुरू हुई रथ यात्रा नगर के मुख्य मार्गो से होकर शाम 7 बजे ग्रेसिम खेल परिसर पहुंची। रथ यात्रा का 200 से अधिक मंचों से स्वागत हुआ। हर कोई भगवा पगड़ी व भगवा कपड़ों में नजर आया। विशेषकर महिलाओं में ज्यादा उत्साह रहा। श्रीरामजी की झांकी, भगवान शिव की झांकी आकर्षण का केंद्र रहे। बग्गी में संत विराजित रहें।
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