विदेश

नेपालः जिस Pokhara Airport पर विमान हादसा हुआ, उसे चीन ने बनाया

काठमांडू (Kathmandu)। नेपाल (Nepal) के जिस पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (Pokhara International Airport) पर हादसा हुआ वह चीन (China) की बेल्ट रोड पहल (बीआरआई) की अहम परियोजना है। अन्नपूर्णा पर्वतमाला के करीब स्थित इस हवाईअड्डे का औपचारिक उद्घाटन नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड (Prime Minister Pushpa Kamal Dahal Prachanda) ने एक जनवरी को किया था। पिछले साल चीन के तत्कालीन विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) ने बालूवाटर में शिष्टाचार भेंट के दौरान नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा (Sher Bahadur Deuba) को नवनिर्मित हवाईअड्डा सौंपा था।

काठमांडो पोस्ट के अनुसार, नेपाल सरकार ने मार्च 2016 में हवाईअड्डे के निर्माण के लिए चीन के साथ एक करार किया था। चीन ने इस अहम परियोजना के लिए नेपाल को 21.59 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया था। प्रचंड ने उद्घाटन समारोह में कहा था कि इस हवाईअड्डे के जरिये पोखरा का संबंध दूसरे देशों के साथ स्थापित होगा।


चीन के एकतरफा एलान से विवाद
हवाईअड्डे के उद्घाटन के साथ ही विवाद भी पैदा हो गया था। दरअसल, काठमांडो स्थित चीनी दूतावास ने एकतरफा एलान कर दिया था कि पोखरा हवाईअड्डा चीन की महत्वाकांक्षी बीआरआई का हिस्सा है, जबकि नेपाल इस मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर कुछ भी कहने से परहेज करता रहा।

पैराग्लाइडिंग के लिए पोखरा जा रहे थे 4 भारतीय
पोखरा में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान में पांच भारतीय भी सवार थे। इनमें से चार ने पोखरा में पैराग्लाइडिंग की योजना बनाई थी। पैराग्लाइडिंग के लिए पोखरा दुनियाभर के सैलानियों में बहुत लोकप्रिय है। भारतीयों की पहचान अभिषेक कुशवाहा (25), विशाल शर्मा (22), अनिल कुमार राजभर (27), सोनू जायसवाल (35) और संजय जायसवाल के रूप में की गई है। इनमें से चार शुक्रवार को ही भारत से नेपाल आए थे।

सोनू जायसवाल वाराणसी और बाकी के सभी गाजीपुर जिले के रहने वाले थे। दक्षिणी नेपाल के सरलाही जिले के रहने वाले अजय कुमार शाह ने बताया कि पांच भारतीयों में से चार पोखरा में पैराग्लाइडिंग की योजना बनाकर आए थे। शाह ने कहा, हम भारत से एक ही गाड़ी में आए थे। पोखरा जाने से पहले वह पशुपतिनाथ मंदिर के पास गोशाला और फिर थमेल में होटल डिस्कवरी में ठहरे थे। वे पोखरा से गोरखपुर होते हुए वापस लौटने की योजना बना रहे थे।

उड़ान सफल होती तो मुख्य पायलट बन जातीं अंजू
बतौर सहपायलट अंजू खतिवडा की यह आखिरी उड़ान थी। अगर उड़ान सफल हो जाती उन्हें मुख्य पायलट का लाइसेंस मिल जाता। इसके लिए वह वरिष्ठ पायलट व ट्रेनर कमल केसी के साथ उड़ान पर गई थीं। कैप्टन कमल को विमान उड़ाने का 35 साल का अनुभव था और वे कई पायलटों को प्रशिक्षण दे चुके थे।

ऐसे ही हादसे में पति की भी गई थी जान
अंजू के पति दीपक पोखरेल भी सहपायलट थे। करीब 16 साल पहले 21 जून 2006 को यति एयरलाइंस का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी।

नेपाल के पोखरा में हुए विमान हादसे के बारे में सुनकर गहरा दुख हुआ। हमारी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं। – एस. जयशंकर, विदेश मंत्री

नेपाल में दुखद विमान हादसे में हुई जनहानि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। ऊं शांति। -ज्योतिरादित्य सिंधिया, नागरिक उड्डयन मंत्री

भारतीय दूतावास का हेल्पलाइन नंबर
पीड़ित परिवारों की मदद के लिए काठमांडो स्थित भारतीय दूतावास ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। काठमांडो में दिवाकर शर्मा से फोन नंबर +977-9851107021 और पोखरा में लेफ्टिनेंट कर्नल शशांक त्रिपाठी से +977-9856037699 संपर्क किया जा सकता है।

खुशियों के फेसबुक लाइव में दिखा मौत का मंजर
जिंदगी में अगले पल क्या होगा, ये कोई नहीं जानता। नेपाल में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान में सवार सोनू जायसवाल को भी इसका अंदाजा नहीं था। अपने दोस्तों के साथ पैराग्लाइडिंग के लिए पोखरा जा रहे सोनू फेसबुक लाइव कर अपनी यात्रा के हर पल को यादगार बना रहे थे। लेकिन इसी फेसबुक लाइव ने दुनिया को मौत का नजारा दिखा दिया।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि फेसबुक लाइव करते समय सोनू के चेहरे पर खुशी है। वह अपने दोस्तों के साथ कुछ बात भी करते हैं। वह अपने सपने में खोए हैं। वे लोग अपनी मंजिल पर पहुंचने वाले हैं और पैराग्लाइडिंग का उनका ख्वाब पूरा होने वाला है। खिड़की वाली सीट पर बैठे सोनू के फेसबुक लाइव में नीचे का नजारा भी नजर आ रहा है।

इससे यह पता चलता है कि विमान अब हवाईअड्डे पर उतरने वाला है। तभी अचानक वीडियो हिलने लगता है। गड़गड़ाहट होती है और विमान हिचकोले खाता है। उसके बाद लगता है कि विमान जंगल झाड़ से टकराते हुए आगे बढ़ रहा है और फिर आग का एक बड़ा गोला दिखता है और विमान रुक जाता है। फेसबुक लाइव करने वाले की आवाज तो नहीं आती, लेकिन आखिरी पल में वीडियो में छाई शांति सबकुछ बयां कर देती है।

किसी को जीवित नहीं निकाला
नेपाल सेना के प्रवक्ता कृष्ण प्रसाद भंडारी ने कहा कि हमने दुर्घटनास्थल से किसी को जीवित नहीं निकाला और आज सुबह फिर सर्च ऑपरेशन शुरू होगा।

15 साल पुराना था विमान
नेपाल के विमानन इतिहास में एटीआर-72 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने का यह पहला वाकया है। यति एयरलाइंस ने व्यावसायिक उड़ान सितंबर 1998 में शुरू की थी। विमानों की निगरानी करने वाली वेबसाइट फ्लाइटरडार24 का दावा है कि विमान 15 साल पुराना था। विमान की सूचना प्रणाली (ट्रांसपोंडर) पुरानी है, जिसके डाटा अविश्वनीय हैं।

नेपाल में अब तक 104 विमान हादसों में हो चुकीं 850 से ज्यादा की मौत
नेपाल के पोखरा हवाईअड्डे के पास लैंडिंग से पहले हुए भीषण विमान हादसे ने एक बार फिर नेपाल की हवाई सेवा सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं। नेपाल में अब तक 104 हवाई दुर्घटनाएं हुई हैं,इनमें 95 फीसदी दुर्घटना में तकनीकी खराबी को कारण बताया जाता है, लेकिन वह तकनीकी खराबी क्या है इसका खुलासा अब तक नहीं किया गया है। नेपाल में हुए विमान हादसों में अब तक 850 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

प्रमुख घटनाएं
साल 2012 : सीता एयर का विमान हादसे का शिकार हो गया। विमान में सवार 19 यात्रियों की मौत हो गई।
साल 2011 : नेपाल के ललितपुर में बुद्धा एयर फ्लाइट साल 2011 में दुर्घटना का शिकार हो गई। 19 यात्रियों और चालक दल के सभी सदस्यों की जान चली गई।
साल 2010 : अग्नि एयर का विमान काठमांडो से लुकला की एक क्षेत्रीय उड़ान पर थी। हादसे में सभी 14 यात्री और चालक दल के सदस्य मारे गए थे।
साल 1992 : पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की फ्लाइट-268 काठमांडो के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास आते ही दुर्घटनाग्रस्त। इसमें 167 लोगों की मौत हुई।

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