विदेश

गरीब प्रवासी महिलाओं के लिए मुसीबत बना नया कानून, अविवाहित माताओं के बच्चों का भविष्य अंधेरे में


शारजाह। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने बीते वर्ष नवंबर में शादी से पहले शारीरिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से हटा दिया। इस फैसले के एक वर्ष बाद भी तमाम बिन ब्याही माएं बच्चों के जन्म प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए भटक रही हैं। दो सप्ताह में लागू होने वाले एक नए कानून में अविवाहित महिलाओं के बच्चों के लिए जन्म प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बारे में कोई उपाय नहीं किया है, जबकि कानून इसके अभाव में बच्चे रखने पर महिलाओं को अपराधी घोषित करता है।

बच्चों के लिए जन्म प्रमाणपत्र प्राप्त करना एक महंगी प्रक्रिया है, गरीब लोग, खासतौर पर विदेशी घरों या दफ्तारों में मामूली वेतन पर काम करते हैं, वे इस खर्च उठाने में असमर्थ होते हैं। दिसंबर 2020 में शारजाह सेंट्रल जेल से तीन महीने की बेटी के साथ रिहा हुई स्टार ने बताया कि वह और छह अन्य अविवाहित महिलाएं जेल में बंद थीं, जिनमें से ज्यादातर फिलिपींस की थीं।


स्टार ने बताया कि कैद के दौरान उनसे बेटी को छीन लिया गया था। 15 महिलाओं को एक बाथरूम साझा करना होता था, खाने में केवल चावल और रोटी मिलती थीं। महज 30 मिनट कोठरी से बाहर निकलने दिया जाता था। पुलिस अपमानजनक तरीके से बच्चे के जन्म व शारीरिक संबंधों की पूछताछ करती थी।

यूएई में अस्पताल विवाहित माता-पिता को जन्म प्रमाणपत्र जारी करते हैं। प्रमाण पत्र के बिना बच्चों के लिए चिकित्सा व शिक्षा जैसी सुविधाएं हासिल करने में दिक्कतें होती हैं। 25 वर्षीय मां सिते हनी कहती हैं कि कानून बदलने के बाद मुश्किलें बढ़ गई हैं। वे आपको जेल नहीं ले जाएंगे और चाहते हैं कि आप जन्म भी न दें, गर्भपात के बारे में सोच भी नहीं सकते, क्योंकि यह अपराध है। सरकार को इतना कर देना चाहिए कि पासपोर्ट बनवाकर घर भिजवा दिया जाए।

हालांकि यूएई की एडवाइजरी फेडरल नेशनल काउंसिल के सदस्य दीरार बेलहौल अल फलासी कहते हैं कि अब एक कानून है, जिससे उनकी मदद की जा सकती है। दो जनवरी को लागू होने वाले नए कानून के तहत, जो माता-पिता बच्चों का पंजीकरण कराने में नाकाम रहते हैं, उन्हें कम से कम दो साल की जेल का सामना करना पड़ेगा।

Share:

Next Post

चीन को मिला मौका: बांग्लादेश-अमेरिका के रिश्तों में फंसा लोकतंत्र और मानवाधिकारों का कांटा

Tue Dec 14 , 2021
ढाका। मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन के मुद्दे पर बांग्लादेश और अमेरिका के संबंध में पेच खड़ा होता दिख रहा है। अमेरिका ने पिछले हफ्ते बांग्लादेश के अर्ध सैनिक बल- रैपिड एक्शन बटालियन के सात पूर्व और वर्तमान अधिकारियों पर मानवाधिकार हनन के आरोप में प्रतिबंध लगा दिए थे। इस अमेरिकी कदम से बांग्लादेश बहुत आहत […]